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मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के खरगोन में रामनवमी को लेकर हुई हिंसा पर अब राजनीति तेज हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अब इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश, गुजरात, गोवा, कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने कहा है कि इन राज्यों में जो भी हुआ है वो सब सरकारों की रजामंदी से किया गया. मध्य प्रदेश में घर-दुकाने जलाई गई, किस कानून के तहत ये किया गया है, कानून बताइए. अगर आस्था का सवाल है तो सबसे पहले जो मांस बाहरी देशों में निर्यात होता है वो बैन कीजिए.
उन्होंने आगे कहा कि आप मांस के निर्यात को बैन नहीं करेंगे क्योंकि आपको डॉलर मिलता है और वो व्यक्ति जो दिन में 100-200 रूपए कमाता है आप उसके कारोबार को बंद कराते हैं. इसके साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में मंसूबा बंद तरीके से कानून के शासन पर भीड़तंत्र को हावी होना बताया.
अपने ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि मध्य प्रदेश में मंसूबा बंद तरीके से कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है.सीएम शिवराज सिंह चौहान भले ही आपकी विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमला को सही ठहराने की हो, लेकिन ये न भूलें कि आप संवैधानिक पद पर बैठे हैं. जनता की जान और माल की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है’.
सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि ‘सत्ता के नशे में शरसार होकर और कानून को बलाए-ताक पर रख कर जो आप गरीबों के आशियाने को उजाड़ रहे हो, याद रखो! आज सरकार आपकी है, कल नहीं होगी.’
10 अप्रैल को रामनवमी पर शोभायात्रा निकाली गई थी, इस यात्रा के दौराना कुछ लोगों ने पथराव किया. बाद में पूरे क्षेत्र में हिंसा शुरू हो गई. इस पूरी घटना में 20 पुलिसकर्मी सहित कई लोग घायल हो गए.
मध्य प्रदेश के खरगोन में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 84 लोगों को हिरासत में लिया है. इसके साथ ही अफवाह फैलाने वाले तीन शासकीय कर्मचारियों को बर्खास्त किया है. पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में पहुंची और मकान और दुकानों को बुल्डोजर से ढहा दिया. अब इस कार्रवाई पर असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी नाराजगी जताई है.
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