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किसान आंदोलन (Farmers Protests) के समर्थन में पूरा विपक्ष आ गया है. यूपी में समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस भी भारत बंद के ऐलान और किसान आंदोलन को समर्थन की बात कह चुके हैं. ऐसे में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान यात्रा का आयोजन किया था. लेकिन सोमवार सुबह-सुबह एसपी कार्यालय से लेकर अखिलेश यादव के घर तक पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया. अखिलेश यादव को नजरबंद किया गया, ऐसे में अखिलेश यादव अपने घर से निकलकर लखनऊ में ही धरने पर बैठे और अब पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है.
हिरासत में लिए जाने के बाद अखिलेश यादव ने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है.
कन्नौज में जिलाधिकारी ने अखिलेश यादव के किसान मार्च को मंजूरी नहीं दी. कन्नौज के जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने कहा कि अभी कोरोना वायरस खत्म नहीं हुआ है लिहाजा भीड़ जुटाने की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती. सपा मुखिया को पत्र भेजकर इस पर अवगत करा दिया गया है. प्रशासन का कहना है कि अगर फिर भी भीड़ जुटती है तो कार्रवाई की जाएगी.
अब पार्टी की तरफ से ऐलान किया गया है, पार्टी कार्यकर्ता अपने-अपने जिलों में किसान यात्रा को जारी रखें.
अखिलेश यादव से मिलने उनके आवास पर जा रहे रहे पार्टी के दो एमएलसी उदयवीर सिंह तथा राजपाल कश्यप को भी पुलिस ने सड़क पर ही रोक दिया. दोनों नेताओं ने अपना परिचय देने के साथ ही अपना आई कार्ड भी दिखाया, इसके बावजूद उन्हें रोका गया है. विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप के साथ आशु मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. राजपाल कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार अखिलेश यादव से घबरा गई है.किसानों की आवाज उठाने पर अन्याय किया जा रहा है.
किसान आंदोलन की आग पूरे देश में फैल चुकी है. देश के 12 से ज्यादा सियासी दलों ने किसानों का समर्थन किया है जो कि दिल्ली में केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के साथ सरकार की कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है जिस पर किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है.
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