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अलवर में हुई मॉब लिंचिंग के मामले में राजस्थान के गृहमंत्री ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि पुलिस की लापरवाही से रकबर खान की मौत हुई है. पुलिस पहले गायों को गौशाला ले गई फिर रकबर खान को अस्पताल. मॉब लिंचिंग के इस मामले के न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
इससे पहले राजस्थान के अलवर में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए रकबर खान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रकबर की मौत ज्यादा पिटाई की वजह से हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पिटाई की वजह से रकबर के हाथ और एक पैर की हड्डियां टूट गई थीं, इसके अलावा उसके शरीर पर चोटों के 12 निशान मिले हैं.
बीती 20 जुलाई की रात राजस्थान के अलवर जिले में रामगढ़ थाना क्षेत्र में ‘गोरक्षकों’ ने गोतस्करी के शक में रकबर खान नाम के शख्स को बुरी तरह पीटा था, जिसकी बाद में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, रामगढ़ इलाके के गांव लल्लावंडी में ‘गोरक्षकों’ ने दो गायों को लेकर जा रहे एक शख्स को गो तस्कर बताकर बुरी तरह से पीट दिया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि रकबर के हाथ और पैर की हड्डियां टूटी हुईं हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 12 जगह चोटों के निशान बताए गए हैं. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रकबर को अंदरूनी चोटें आईं थी, जिसके बाद शरीर के अंदर ही खून फैल गया था.
डॉक्टरों का कहना है कि रकबर को अंदरूनी चोटें थीं, जिसके चलते शरीर के अंदर रक्तस्त्राव हुआ होगा. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी हालत में कई बार सदमे से भी जान जा सकती है.
इसी बीच रकबर खान की एक फोटो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इस फोटो में रकबर पुलिस की वैन में बैठा नजर आ रहा है. तस्वीर में उसकी आंखें बंद और चेहरे पर चोट के निशान नजर आ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रकबर की ये तस्वीर विश्व हिंदू परिषद नेता नवल किशोर ने उस वक्त ली थी, जब पुलिस रकबर को लेकर जा रही थी. रिपोर्ट्स में ये भी दावा किया जा रहा है कि नवल किशोर ने ही पुलिस को रकबर खान की जानकारी दी थी.
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