- अलवर मॉब लिंचिंग मामले की जांच के लिए टीम गठित
- पुलिसवालों पर लापरवाही बरतने का आरोप, 5 पुलिसवाले निलंबित
- ये मोदी का क्रूर इंडिया है: राहुल गांधी
- शनिवार को रकबर खान नाम के शख्स की अलवर में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी
राजस्थान के अलवर में हुई मॉब लिंचिंग मामले में 5 पुलिसवालों को निलंबित कर दिया गया है. इन पुलिसकर्मियों पर पीड़ित रकबर खान को लिंचिंग के बाद अस्पताल पहुंचाने के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप है.
जांच के लिए एक उच्चस्तरीय टीम भी बनाई गई है. टीम ये जांच करेगी की शनिवार को इस घटना के बाद रकबर को सिर्फ 4 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने में इतना समय कैसे लग गया. एक अधिकारी ने कहा कि टीम से ये पता लगाने के लिए कहा गया है कि पुलिस जब रात के एक बजे घटना स्थल पर पहुंच गई थी तो पीड़ित तड़के चार बजे अस्पताल कैसे पहुंचा. आरोप है कि अस्पताल जाते समय पुलिसकर्मी चाय पीने के लिए रुक गए थे. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित की मौत तड़के 3.40 बजे हो चुकी थी.
इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. राहुल ने ट्वीट कर पूछा है कि जब वारदात वाली जगह से अस्पताल सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर है. तो पुलिस को वहां ले जाने में 3 घंटे क्यों लगे. ये मोदी का क्रूर इंडिया है.
राहुल ने ट्वीट किया है कि पुलिस को पीड़ित को अस्पताल ले जाने में इतनी देर क्यों लगी, क्या वो चाय पी रहे थे. ये पीएम मोदी का क्रूर न्यू इंडिया है, जहां मानवता की जगह नफरत ने ले ली है. लोगों को दबाया जा रहा है और उनको मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है.
उस रात हुआ क्या था?
क्षेत्र के एक सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार ने बताया कि अकबर और असलम रात में खेतों से होकर गाय ले जा रहे थे. जब ये मवेशी चिल्लाने लगे, तो कुछ गांव वालों ने बाहर आकर अकबर को पीटना शुरू किया. तेज बारिश होने के कारण अकबर कीचड़ में गिर गया और उसका साथी असलम भाग निकला. तबतक पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई. हालांकि पीड़ित के कीचड़ से सने होने के कारण पुलिस ने उसे अपनी गाड़ी से ले जाने से इंकार कर दिया और गांव वालों को उसे साफ करने को कहा.
गांववालों ने उस पर पानी डाला. धर्मेद्र नामक व्यक्ति अपने घर से कपड़े लाया। पुलिस ने बाद में धर्मेद्र को आरोपी के तौर पर हिरासत में ले लिया.
विजय कुमार का कहना है कि पुलिस वाले नशे में थे और पीड़ित के पहले भी गौ तस्करी में शामिल रहने के कारण पुलिस ने भी शायद उसे पीटा हो. उनके अनुसार, जब अकबर की मौत हुई तो पुलिसवाले खुद को बचाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों को गिरफ्तार करने गांव आए. इस बीच गाय को तड़के 3.26 बजे एक तीन-पहिया वाहन से गौशाला ले जाया गया.
ये भी पढ़ें-
अलवर:पीड़ित को अस्पताल ले जाने से पहले गायों को गौशाला ले गई पुलिस
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)