Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019‘कोरोना या तूफान से बचें’- अम्पन के बाद कोलकाता से ग्राउंड रिपोर्ट

‘कोरोना या तूफान से बचें’- अम्पन के बाद कोलकाता से ग्राउंड रिपोर्ट

तूफान की सबसे ज्यादा मार गरीबों पर पड़ी है

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
ये अम्पन तूफान गुजरने के बाद की सुबह है!
i
ये अम्पन तूफान गुजरने के बाद की सुबह है!
(फोटोः Altered By Quint)

advertisement

अम्पन तूफान गुजरने के बाद की सुबह कोलकाता में तूफान गुजरने के बाद तबाही का मंजर दिखा- बिजली के खंभे गिरे हुए, पेड़ उखड़कर यहां-वहां गिरे पड़े थे, कई पेड़ घरों, बसों, इमारतों पर गिरे हुए थे. उस डरावनी रात के बाद की सुबह अब लोग फिर से अपनी जिंदगी पर लौटने की कोशिश करते दिखे. वीडियो में देखिए इशाद्रिता लाहिड़ी की ग्राउंड रिपोर्ट.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

साउथ कोलकाता के रीजेंट पार्क में कमला विश्वास और उनके 2 बेटों की मौत हो गयी. तूफान के साथ बिल्डिंग का एक हिस्सा उनके घर पर गिरा, इस हादसे में कमला और उनके छोटे बेटे पिंटू की मौत हो गई

कमला के पति रिक्शा चलाते थे उनकी मौत कुछ साल पहले ही हो गई थी जबकि बेटा पिंटू बस ड्राइवर था

करीब साढ़े 6 बजे ये दीवार गिरी थोड़ी देर में हमें पता लगा कि उनकी मां और छोटे बेटे की मौत हो गई है. इसके बाद पुलिस आई, भारी बारिश हो रही थी उनके शवों को निकालने में भारी दिक्कत हुई. वो लड़का बहुत मेहनती था, उसके जाने का हमें अफसोस है.
राजू चक्रबर्ती, पड़ोसी

कमला और पिंटू की मौत से पड़ोसियों में गम का माहौल है, दूसरी तरफ उनके खुद के घरों का भी काफी नुकसान हुआ है.

जयंती के पास लॉकडाउन के बाद से कोई नौकरी नहीं है. इस तूफान के वक्त में भी उसके पास न तो पैसे हैं न घर है.

मैं उनके मृत शरीर को देखकर काफी दुखी हूं. मैं कल से कुछ भी नहीं खा पाई हूं. हमें कोरोना की वजह से दूर-दूर रहने के लिए कहा गया था . लेकिन अब ये अम्पन आ गया, इससे सब एक जगह आ रहे हैं, अब हम अम्पन से बचें या कोरोना से?
जयंती शंकर, स्थानीय

एक दूसरी महिला ने कहा - इस तरीके से हम दोनों से ही नहीं बच पा रहे है. मेरी वित्तीय स्थिति खराब है, मैं अपने बच्चे के साथ यहां रहती हूं. अगर मैं काम करती हूं तो मुझे पैसा मिलता है, काम नहीं तो पैसा नहीं. मेरा घर गिर गया है, मुझे बाहर जाने में भी डर लग रहा है और घर के अंदर भी डर ही लगता है

लोगों के घर काम करने वाली कूकू मंडल के सामने भी गहरा संकट है. एक तो कमाई घटी, ऊपर से ये तूफान की तबाही का खर्च अलग

कूकू मंडल ने कहा -घर बनाने के लिए बहुत पैसे लगते हैं, हमारे पास पैसे नहीं हैं .मुझे काम करने के 2000 रुपये मिलते हैं. मैं घर चलाऊं या फिर ये सब बनवाऊं.कोरोना और लॉकडाउन की वजह से मेरे पति की सैलरी आधी हो गई है.”

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 23 May 2020,07:09 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT