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अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर रहते पूरी करनी होंगी ये 5 शर्तें, SC ने आदेश में क्या कहा?

Arvind Kejriwal Interim Bail: अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 1 जून तक अंतरिम जमानत का आदेश

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर रहते पूरी करनी होंगी ये 5 शर्तें.</p></div>
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अरविंद केजरीवाल को जेल से बाहर रहते पूरी करनी होंगी ये 5 शर्तें.

फोटो- PTI

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Arvind Kejriwal Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने शुक्रवार, 10 मई को आदेश देते हुए लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान यानी 1 जून तक सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी.

आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को कथित दिल्ली शराब घोटाला मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वो तिहाड़ जेल में हैं. अंतरिम जमानत की मोहलत खत्म होने के बाद उन्हें 2 जून तक जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करना होगा.

चलिए आपको बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएम केजरीवाल के सामने कौन सी 5 शर्तें रखीं हैं. साथ ही बताएंगे कि कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए क्या कुछ कहा है.

सीएम केजरीवाल के सामने कौन-सी 5 शर्तें?

क्विंट हिंदी को मिली अंतरिम जमानत के आदेश की कॉपी के अनुसार, सीएम केजरीवाल के सामने ये 5 शर्तें हैं जिनका बाहर रहते हुए उनको पालन करना होगा:

1. 50 हजार रुपये के जमानत बॉन्ड के साथ जेल अधीक्षक की संतुष्टि के लिए इतनी ही राशि की जमानत भी जमा करनी होगी.

2. केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय का दौरा नहीं करेंगे.

3. वह अपनी ओर से दिए गए बयान से बाध्य होंगे कि वह आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेगा जब तक कि यह आवश्यक न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो.

4. वह मौजूदा मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.

5. वह किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और/या मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच नहीं होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा?

जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह आदेश सुनाया है. कोर्ट ने सुनावाई के दौरान कई बड़ी टिप्पणी की:

  • जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, "21 दिन... इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए." उन्होंने कहा कि ईडी का मामला अगस्त 2022 में दर्ज किया गया था जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

  • बेंच ने ईडी से कहा, ''वह (सीएम केजरीवाल) डेढ़ साल से बाहर थे. उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.''

  • बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के जवाब में कहा, “यह चुनाव का सीजन है. वह दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं. चुनाव नजदीक हैं. ये असाधारण स्थितियां हैं. यह सामान्य नहीं है... वह आदतन (अपराधी) या कोई ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो किसी अन्य मामले में शामिल रहे हों."

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा था कि “उन्हें (केजरीवाल) अंतरिम जमानत पर रिहा करने से बहुत गलत संदेश जाएगा क्योंकि वह एक राजनेता हैं.”

बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर बहस अगले सप्ताह जारी रहेगी और वह 20 मई से शुरू होने वाली गर्मी की छुट्टियों से पहले याचिका पर फैसला सुनाने का प्रयास करेगी.

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