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समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां पर पुलिस का शिकंजा और कसता जा रहा है. आजम की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर पुलिस ने छापा मारकर कुछ किताबें जब्त की है. यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप है कि उसने लाइब्रेरी के लिए एक मदरसे से पुरानी किताबें और पांडुलिपियां चुराई थी. मदरसे के प्रिंसिपल ने पुलिस में इस बात की शिकायत की थी जिसके बाद पुलिस ने छापे मारे हैं.
पुलिस ने छापे में 300 किताबें जब्त की हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो किताबें पुलिस ने बरामद की हैं वो 100 से 150 साल पुरानी हैं. जिस मदरसे से किताबें चोरी हुई है वो साल 1774 में बना था. चोरी हुई किताबें जौहर यूनिवर्सिटी की मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी से मिल भी गई हैं. इस मामले में पुलिस ने लाइब्रेरी के 4 लोगों को हिरासत में लिया है.
आजम खां की यूनिवर्सिटी पर कई सारे खतरे मंडरा रहे हैं. हाल ही में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ी 7 हेक्टेयर यानी की करीब 140 बीघा जमीन की लीज को रद्द करने का आदेश दिया है. ये जमीन समाजवादी पार्टी की सरकार के वक्त आजम खां को 30 साल के लीज पर मिली थीं. कोर्ट ने पाया कि ये जमीन नदी की है और नियमों को ताक पर रख कर ये जमीन आजम खां को दी गई थी.
पीडब्लयूडी ने एसडीएम कोर्ट में शिकायत की थी कि यूनिवर्सिटी बनाने के दौरान कई सड़कों पर कब्जा किया गया, जो आसपास के गांवों को जोड़ती थी. इसी मामले में एसडीएम कोर्ट ने आजम खां पर 3 करोड़ 27 लाख 60 हजार का जुर्माना लगाया. साथ ही कहा था कि ये रकम आजम खां पीडब्लयूडी को देने होंगे.
इससे पहले 26 किसानों ने भी आजम खां पर जबरदस्ती जमीन कब्जा करने का केस दर्ज कराया था.
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