Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019BBC ने भारत में कामकाज दूसरी कंपनी को सौंपा, FDI नियमों में बदलाव ने कैसे किया मजबूर?

BBC ने भारत में कामकाज दूसरी कंपनी को सौंपा, FDI नियमों में बदलाव ने कैसे किया मजबूर?

भारत में BBC का प्रसारण मई 1940 में शुरू हुआ था.

मोहन कुमार
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>BBC ने भारत में अपना कामकाज दूसरी कंपनी को सौंपा, FDI नियमों में बदलाव के बाद फैसला</p></div>
i

BBC ने भारत में अपना कामकाज दूसरी कंपनी को सौंपा, FDI नियमों में बदलाव के बाद फैसला

(फोटो: X/BBC)

advertisement

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन यानी BBC ने भारत में अपना कामकाज दूसरी कंपनी को सौंप दिया है. BBC ने अपना पब्लिशिंग लाइसेंस इसके भारतीय कर्मचारियों द्वारा स्थापित एक निजी कंपनी को सौंप दिया है और खुद को भारतीय न्यूजरूम से अलग कर लिया है. आयकर विभाग द्वारा कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूछताछ किए जाने के करीब सालभर बाद कंपनी का ये कदम सामने आया है. पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर BBC ने दुनिया में कहीं के भी अपने वैश्विक परिचालन में ऐसा पहली बार किया है.

कलेक्टिव न्यूजरूम को सौंपा कामकाज

अगले सप्ताह से शुरू होने वाली इस नई व्यवस्था के तहत, बीबीसी के चार पूर्व कर्मचारियों द्वारा "कलेक्टिव न्यूजरूम" नामक एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की स्थापना की गई है. इसके भारतीय कार्यालय बीबीसी की डिजिटल सेवाओं के लिए सात भाषाओं हिंदी, गुजराती, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में कंटेंट तैयार करेंगे.

बीबीसी ने कलेक्टिव न्यूजरूम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में 26% हिस्सेदारी के लिए भारत सरकार को आवेदन दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कलेक्टिव न्यूजरूम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपा झा ने कहा, “बीबीसी के लिए किसी अन्य इकाई को प्रकाशन का लाइसेंस देना अभूतपूर्व है… हम अपनी पत्रकारिता से समझौता नहीं करेंगे और बीबीसी पूरी तरह से हमारे साथ है.” बीबीसी इंडिया में वरिष्ठ समाचार संपादक रूपा झा कलेक्टिव न्यूजरूम के चार संस्थापक शेयरधारकों में से एक हैं.

बीबीसी को क्यों उठाना पड़ा ये कदम? FDI का पेंच

बीबीसी के भारत में कामकाज में बदलाव 2020 में आए नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी FDI नियमों की वजह है. इस नियम से भारत के डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26% FDI की सीमा लगा दी गई है.

भारत में अब तक बीबीसी के संपादकीय कामकाज का प्रबंधन बीबीसी इंडिया करती थी. इसका 99 प्रतिशत से अधिक मालिकाना यूके स्थित ब्रॉडकास्टर के पास था.

हालांकि, एक बार निवेश सीमा लागू होने के बाद 26 प्रतिशत FDI सीमा से अधिक वाली कंपनियों को अक्टूबर 2021 तक इस विनियमन का अनुपालन करने के लिए अपने विदेशी निवेश को कम करने की जरूरत थी.

रूपा झा ने कहा, “हमारे सामने कई विकल्प थे. बीबीसी भारत में अपनी उपस्थिति नहीं खोना चाहता था और न ही नौकरियों में कटौती करना चाहता था, इसके साथ ही हम नहीं चाहते थे कि ये आर्थिक क्षमता भी खत्म हो जाए, इन सब बातों ने हमें लीक से हटकर सोचने के लिए मजबूर किया."

बता दें कि बीबीसी के भारत ब्यूरो में लगभग 200 लोग शामिल थे. जो अब कलेक्टिव न्यूजरूम में शामिल हो गए हैं. यूनाइटेड किंगडम के बाहर दुनियाभर में यह सबसे बड़ा ब्यूरो था. भारत में इसका प्रसारण मई 1940 में शुरू हुआ था. पिछले साल फरवरी में 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने के कुछ दिनों बाद आयकर अधिकारियों ने दिल्ली और मुंबई में इसके कार्यालयों की तलाशी ली थी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT