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आरक्षण के विरोध में कुछ अनाम संगठनों की ओर से मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद का छिटपुट असर रहा. मध्य प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में दुकानें बंद रहीं. दोनों जगह सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे. यहां कुछ संवेदनशील इलाकों मे इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दिया गया था.
बिहार में इस बंद का आंशिक असर रहा. यहां ट्रेन रोकने की कोशिश दिखी. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कुछ स्कूलों ने अपनी बसें बंद रखीं.
बिहार के गया में बंद समर्थकों ने हंगामा और पथराव किया है. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया है और उनपर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं.
मंगलवार को सर्वणों का बंद
दलितों के भारत बंद के विरोध में बंद
देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
यूपी में नहीं दिखा बंद का असर
आरक्षण के खिलाफ कुछ संगठनों के भारत बंद के आह्वान के बावजूद उत्तर प्रदेश में आज जनजीवन सामान्य रहा. सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. राजधानी लखनऊ में जनजीवन सामान्य रहा. कारोबारियों ने दुकानें खोलीं. सरकारी, निजी कार्यालय और स्कूल भी बिना किसी बाधा के खुले.
आरा में भारत बंद के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मध्यप्रदेश के मुरैना में धारा 144 लागू कर दी गई है. भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात है.
बिहार के आरा में लोग सुबह से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी है.
2 अप्रैल को दलित संगठनों के भारत बंद के बाद अब मंगलवार को सर्वणों ने भारत बंद करने का फैसला किया है. 2 अप्रैल को दलितों के विरोध प्रदर्शन के विरोध में सर्वणों ने ये बंद बुलाया है. सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोगों ने इस बंद का आव्हान किया है. 2 अप्रैल को विरोध- प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के देखते हुए इस बार राज्य सरकारों ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
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सोशल मीडिया पर चल रहे भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राजस्थान में सुरक्षा के कडे बंदोबस्त किये गए हैं. जयपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है. पुलिस के मुताबिक बंद का आह्वान केवल सोशल मीडिया पर किया गया है और बंद के समर्थन में कोई भी संगठन आगे नहीं आया है.
बंद को देखते हुए गृहमंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिये जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.
2 अप्रैल दलितों के बंद दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने सभी राज्यों को एक एडवाइजरी जारी किया है किसी भी तरह की गलती इस बार नहीं होनी चाहिए. एक अधिकारी ने बताया कि एमएचए ने सभी राज्यों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये सुरक्षा बढ़ाने और कड़े इंतजाम करने को कहा है.
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