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राज्य में घुसकर सुरक्षित कैसे निकल सकता है विकास दुबे- DGP बिहार

बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडे ने विकास दुबे को लेकर दिया जवाब

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बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडे ने विकास दुबे को लेकर दिया जवाब
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बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडे ने विकास दुबे को लेकर दिया जवाब
(फोटो: DGP बिहार/फेसबुक) 

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उत्तर प्रदेश पुलिस को पिछले कुछ दिनों से हिस्ट्री शीटर विकास दुबे की तलाश है. ये वही अपराधी है जिसने पुलिस टीम पर गोलियां बरसाकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. अब यूपी पुलिस की करीब 40 टीमें उसे दबोचने के लिए छापेमारी कर रही हैं. लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि दुबे बिहार जाकर छिप गया है या फिर वो वहां जा सकता है. हालांकि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है. अब इसी सवाल के जवाब में बिहार के डीजीपी ने कहा है कि अगर विकास दुबे बिहार में हुआ तो वो सुरक्षित नहीं निकल सकता है.

जो विकास दुबे पहले किसी भी थाने की टॉप वान्टेड लिस्ट में शामिल भी नहीं था, वो आज पूरे उत्तर प्रदेश में मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों की लिस्ट में पहले नंबर पर है. बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने दुबे के बिहार में घुसने या छिपने के सवालों पर कहा,

“बिहार पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस अलग-अलग हैं क्या? पूरे देश की पुलिस एक है. यूपी के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करके हिस्ट्री शीटर विकास दुबे बिहार में घुस आएगा और यहां से सुरक्षित निकल जाएगा? ये कैसे हो सकता है?”
बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे
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कई पुलिसकर्मी भी लपेटे में

विकास दुबे मामले में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है कई नए खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस केस में कई पुलिसकर्मी विकास दुबे से संपर्क में पाए गए हैं. यानी पुलिस के आने की सूचना देने को लेकर पुलिसकर्मियों का ही बड़ा हाथ था. इसे लेकर एसएचओ समेत कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया है. जो पुलिसकर्मी विनय तिवारी सस्पेंड हुआ है वो लगातार घटना से पहले विकास दुबे से संपर्क में था. इस पुलिसकर्मी को लेकर कई बार शिकायतें भी की गईं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया. इस एनकाउंटर में शहीद हुए पुलिस अधिकारी देवेंद्र मिश्र का एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें वो बता रहे हैं कि विनय तिवारी की सत्यनिष्ठा संदिग्ध है.

अब इसी लेटर को लेकर घमासान जारी है. विपक्षी नेता सवाल उठा रहे हैं कि आखिर शिकायत के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई. इसके अलावा लेटर के गायब होने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी यही सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“कानपुर कांड में शहीद हुए पुलिस अधिकारी श्री देवेन्द्र मिश्र का वरिष्ठ अधिकारियों को मार्च में लिखा गया पत्र इस नृशंस वारदात का अलार्म था. आज कई खबरें आ रही हैं कि वो पत्र गायब है. ये सारे तथ्य यूपी के गृह विभाग की कार्यशैली पर एक गंभीर प्रश्न उठाते हैं.”
प्रियंका गांधी

हालांकि यूपी के लॉ एंड ऑर्डर एडीजी का कहना है कि इस लेटर की सत्यता की जांच की जाएगी. इसके लिए डीजीपी की तरफ से एक आईजी लेवल के अधिकारी को जांच सौंपी गई है.

घर से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा

विकास दुबे की दबंगई और उसके क्रिमिनल रिकॉर्ड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. इसके अलावा जब पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली तो 2 किलो विस्फोटक, 6 देसी पिस्तौल, 15 क्रूड बम और 25 जिंदा कारतूस बरामद हुए. अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसके पास इतने हथियार कहां से आए? इसके अलावा ये भी पता लगाया जा रहा है कि आखिर इतने हथियारों से विकास दुबे क्या करने वाला था?

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