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नीतीश से पंगा RCP को पड़ा महंगा? JDU ने अकूत संपत्ति अर्जित करने पर मांगा जवाब

RCP Singh पर लगे आरोपों पर BJP, कांग्रेस, RJD और खुद आरसीपी का क्या कहना है?

शादाब मोइज़ी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Nitish Kumar Vs RCP Singh: आरसीपी सिंह से जीडीयू ने मांगा जवाब</p></div>
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Nitish Kumar Vs RCP Singh: आरसीपी सिंह से जीडीयू ने मांगा जवाब

(फोटो: AlteredByQuint)

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के लिए एक बात मशहूर है- दोस्ती करते हैं, तो सर पर बिठाते हैं, दुश्मनी करते हैं तो फिर दोस्त को भी नहीं छोड़ते हैं. अब बारी है पूर्व जेडीयू अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद जनता दल यूनाइटेड नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह यानि RCP सिंह की. आरसीपी सिंह पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा है. वो भी किसी और ने नहीं बल्कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने चिट्ठी लिखी है और आरसीपी सिंह से जवाब मांगा है.

अभी हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने आरसीपी सिंह का पत्ता साफ कर दिया था और उन्हें तीसरी बार राज्यसभा नहीं भेजा. जेडीयू ने आरसीपी सिंह की जगह झारखंड के पूर्व विधायक और झारखंड जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो को अपना उम्मीदवार घोषित किया था.

कभी नीतीश के थे करीबी, फिर बीजेपी की करने लगे तारीफ

जब नीतीश कुमार रेलमंत्री थे तब RCP सिंह से उनकी करीबी बढ़ी थी, फिर नीतीश ने आरसीपी को अपनी पार्टी में शामिल कराया और राज्यसभा भेज दिया.

लेकिन रिश्ते में खटास तब शुरू हुई जब आरसीपी जेडीयू के अध्यक्ष बने, और इसी दौरान केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. तब जेडीयू चाहती थी कि उनकी पार्टी को दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री का पद दिया जाए. लेकिन आखिर में एक सीट पर बात बनी और आरसीपी सिंह खुद केंद्र में इस्पात मंत्री बन गए. जिसके बाद से ही नीतीश और आरसीपी सिंह की दूरी की खबरें सामने आने लगीं. फिर पिछले कुछ वक्त से आरसीपी सिंह और नीतीश के बीच दूरी की खबरें आने लगी थीं. आरसीपी सिंह लगातार केंद्र की बीजेपी सरकार की तारीफ करते नजर आ रहे थे.

यही नहीं राज्यसभा से पत्ता कटने के बाद आरसीपी सिंह बार-बार बीजेपी की तारीफ में कसीदे पढ़ते मिल जाते. एक बार तो आरसीपी सिंह ने कहा था कि 303 सासंद होने के बावजूद बीजेपी ने उन्हें मंत्री बनने का मौका दिया, यह बीजेपी का बड़प्पन है.

"नीतीश कुमार ने आपके लिए बहुत कुछ किया"

आरसीपी पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरसीपी सिंह के सरकारी और राजनीतिक करियर में इतना बड़ा आरोप अब तक नहीं लगा था. लेकिन नीतीश कुमार से दूरी के बाद ये आरोप सामने आए हैं.

आरसीपी सिंह को भेजे पत्र में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है - ''पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का सूबत के साथ आवेदन मिला है. जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि आप और आपके परिवार के नाम से 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति का रजिस्टर कराया गया है. जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं प्रतीत होती हैं.''

चिट्ठी में आरसीपी सिंह को ये भी याद दिलाया गया है कि नीतीश कुमार ने उनके लिए क्या-क्या किया है. चिट्ठी में लिखा है,

आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. आपको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव संगठन, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर दिया. साथ ही विश्वास एवं भरोसा के साथ आपको जिम्मेदारी दी.
आरसीपी की चिट्ठी का हिस्सा

चिट्ठी में आगे लिखा है कि आप इस तथ्य से अवगत हैं कि मुख्यमंत्री जीरो टॉलरेंस नीति पर काम करते हैं और इतने बड़े नेता होने के बावजूद उनपर कोई दाग नहीं लगा और न ही कोई संपत्ति बनाई. और आखिर में लिखा है कि आप संपत्ति के मामले में अपनी राय स्पष्ट करें.

आरसीपी सिंह पर गंभीर आरोप, चुनावी हलफनामे में छिपाई जानकारी

जेडीयू ने आरसीपी सिंह को जो चिट्ठी लिखी है उसके साथ में कुछ दस्तावेज भी लगाएं हैं, जिसमें आरसीपी सिंह और उनके परिवार से जुड़े संपत्ति का ब्योरा है.

दस्तावेज के मुताबिक 2013 से अब तक नालंदा जिले के सिर्फ दो प्रखंड अस्थावां और इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है.

आरोप वाले कागजात में आरसीपी सिंह की पत्नी गिरजा सिंह और दोनों बेटियों, लिपि सिंह और लता सिंह के नाम पर ज्यादातर जमीन है.

चिट्ठी में ये भी आरोप लगा है कि साल 2016 के चुनावी हलफनामे में आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों की जानकारी नहीं दी.

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आरसीपी पर बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी का क्या कहना?

फिलहाल आरसीपी सिंह को लेकर लालू यादव की पार्टी आरजेडी अटैकिंग मोड में नहीं दिख रही है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, आरसीपी सिंह को जेडीयू ने जो नोटिस भेजा है, वह उनका आंतरिक मामला है. इससे हमें कोई लेना देना नहीं है. लेकिन आरसीपी सिंह को लेकर जेडीयू में जिस तरह की खटपट चल रही है उसी का यह परिणाम है. अगर पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ कोई गतिविधि करेंगे तो उसपर पार्टी कार्रवाई करती ही है."

वहीं इस मामले पर बीजेपी एक बार फिर आरसीपी के साथ न खुलकर साथ दिख रही है, न ही दूरी बना रही है. बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा,

आरसीपी सिंह पर जो आरोप लगे हैं, यह जांच का विषय है. उनके जवाब का भी इंतजार करना चाहिए. यह जेडीयू का अंदरुनी मामला है. यह उनके (जेडीयू) बड़े नेता और दल के अंदर का विषय है. इसपर हम लोगों का बोलना उचित नहीं है. लेकिन आरोप लगना और आरोप जिसपर लगा है उसका जवाब सुनना यह भी जरूरी है. उसके बाद जिस दल का विषय है उस दल के अध्यक्ष की बात सुननी चाहिए, उनका निर्णय ही सर्वोपरी है."

'नीतीश कुमार की संपत्ति की भी हो जांच'

वहीं कांग्रेस और जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा आरसीपी सिंह पर हमलावर हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने तो सीएम नीतीश कुमार की संपत्ति की जांच भी करने की मांग उठाई. असित नाथ तिवारी ने कहा,

"जेडीयू के किसी भी नेता की संपत्ति की जांच करवा लीजिए. सबने पिछले 15-16 साल में अकूत संपत्ति जमा कर ली है. सभी लोगों ने भ्रष्टाचार के जरिए ही संपत्ति बनाई है. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह की पोल खुल गई है, किस तरह से उन्होंने कमाई की है. आरसीपी सिंह के साथ उनकी बेटी की संपत्ति की भी जांच कराई जानी चाहिए, और भी चीजें खुलेंगी. एक बार हिम्मत करके सीएम नीतीश कुमार की भी संपत्ति की जांच करवा लीजिए. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. सबके सब भ्रष्ट हैं."

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तो कहा कि NDA में गलत करने पर कारवाई होती है, जेडीयू की कारवाई का स्वागत होना चाहिए, हम विपक्ष के जैसे नहीं जो एक भ्रष्ट को बचाने के लिए पूरी पार्टी को लगा दें.

आरोप पर आरसीपी सिंह का जवाब

आरसीपी सिंह ने अपने ऊपर लग रहे आरोप पर मीडिया में जवाब दिया है, उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियों के नाम पर जमीन की खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं है. आरसीपी सिंह ने कहा,

दोनों बेटियां आईपीएस और वकील हैं. दोनों 2010 से आयकर रिटर्न दाखिल कर रही हैं. मेरे पिताजी सरकारी सेवा में थे. उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति हमारी दोनों बेटियों के नाम कर दी थी. उन्होंने कहा कि जमीन की खरीद कई टुकड़े में हुई है. कुछ जमीन बदलेन (जमीन के बदले जमीन) की भी है. शहर की तुलना में गांव की जमीन सस्ती होती है. सिंह ने कहा कि जमीन की खरीद में उनके बैंक खाता से एक रुपये का भी लेन देन नहीं हुआ है."

अब भले ही आरसीपी सिंह जवाब देते रहें लेकिन एक बात तो साफ हो गई है नीतीश कुमार से पंगा आरसीपी को महंगा पड़ सकता है.

इनपुट- महीप राज, तनवीर आलम

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Published: 06 Aug 2022,02:36 PM IST

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