Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिलकिस दोषियों की रिहाई के खिलाफ पहुंचीं SC, पति ने क्विंट से कहा-कोर्ट पर भरोसा

बिलकिस दोषियों की रिहाई के खिलाफ पहुंचीं SC, पति ने क्विंट से कहा-कोर्ट पर भरोसा

Bilkis Bano के पति याकूब रसूल ने कहा- "अदालत ने पहले भी न्याय किया है, वो फिर से न्याय करेगी."

हिमांशी दहिया
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>बिलकिस दोषियों की रिहाई के खिलाफ पहुंचीं SC, पति ने क्विंट से कहा-कोर्ट में भरोसा</p></div>
i

बिलकिस दोषियों की रिहाई के खिलाफ पहुंचीं SC, पति ने क्विंट से कहा-कोर्ट में भरोसा

(फोटो- क्विंट)

advertisement

बिलकिस बानो (Bilkis Bano) के पति याकूब रसूल ने कहा कि "हमें इस देश की सबसे बड़ी अदालत पर भरोसा है. हमें न्याय मिलेगा, हम ऐसी उम्मीद रखते हैं. अदालत ने पहले भी न्याय किया है, वो फिर से न्याय करेगी."

बिलकिस बानो ने बुधवार, 30 नवंबर को 2002 के गुजरात दंगों में सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के 13 सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की जल्द रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

दोषियों को 15 अगस्त को गुजरात सरकार की 1992 से छूट नीति के अनुसार रिहा कर दिया गया था.

क्विंट से बात करते हुए 45 वर्षीय याकूब रसूल ने कहा कि वे और बिलकिस, दोनों शुरू से ही रिहाई को चुनौती देने को लेकर निश्चिंत थे. उन्होंने कहा कि "शुरुआत में हमारे वकीलों के पास दोषियों की रिहाई को चुनौती देने के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट नहीं थे. जिस दिन हमें डॉक्यूमेंट मिले, हमने अपनी तैयारी शुरू कर दी."

11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा कर दिया गया और गोधरा सब-जेल के बाहर उनका माला और मिठाई के साथ स्वागत किया गया. अपनी रिहाई के दो दिन बाद जारी एक बयान में, बिलकिस बानो ने कहा कि वह "उनके पास शब्द नहीं है" और "सुन्न रह गयी" थीं. उन्होंने अपने बयान में लिखा था कि

"दो दिन हुए, 15 अगस्‍त 2022 को मुझपर जैसे पिछले 20 साल का सदमा टूट पड़ा जब मैंने सुना कि जिन 11 दोषियों ने मेरा पूरा जीवन नष्ट किया, मेरी आंखों के सामने मेरे परिवार को खत्म किया और मेरी 3 साल की बेटी को मुझसे छीन ली, वो सभी आजाद हो गए हैं."

दोषियों की रिहाई के 6 दिन बाद 21 अगस्त को क्विंट के साथ एक इंटरव्यू में उनके पति रसूल ने कहा कि बानो सदमे में थी. उन्होंने कहा कि "बिलकिस तो इतनी मायूस है कि हमने अभी तक किसी से बात नहीं की है. उसका दिल दुखा है और उसके मन में डर बैठा है."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

परिवार के दो दशक लंबे संघर्ष पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि "फैसले ने उनके 18 साल के लंबे संघर्ष को एक ही झटके में खत्म कर दिया है."

"हम अपनी जिंदगी बस थोड़ी सी सुधारने की कोशिश ही कर रहे थे कि इतना बड़ा झटका हमें लग गया."

याकूब रसूल ने कहा कि तीन महीने बाद बिलकिस बानो "झटकों से उबर चुकी हैं और बेहतर महसूस कर रही हैं."

किस आधार पर बानो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है?

बानो की वकील शोभा गुप्ता ने क्विंट को बताया कि फिलहाल ज्यादा खुलासा नहीं किया जा सकता है, लेकिन उन्होंने 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की है और गुजरात सरकार को निर्णय लेने की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक समीक्षा याचिका दायर की है.

"हम आपको अभी ज्यादा कुछ नहीं बता सकते। हमने दोषियों की रिहाई को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है क्योंकि गुजरात सरकार के पास उन्हें छूट देने के लिए उपयुक्त प्राधिकार/अथॉरिटी नहीं है."
शोभा गुप्ता , बिलकिस बानो की वकील

इस मामले को 30 नवंबर को सूचीबद्ध/लिस्टिंग करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ के सामने लाया गया है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस पक्ष की जांच करेंगे कि क्या दोनों दलीलों को एक साथ सुना जा सकता है और क्या उन्हें एक ही बेंच के सामने सुना जा सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT