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जैविक युद्ध से लेकर साइबर अटैक,युद्ध के इन तरीकों पर बात रख चुके हैं बिपिन रावत

देश की सभी सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक 'रॉकेट फोर्स' बनाने के बारे में सोचा जा रहा है.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>बिपिन रावत </p></div>
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बिपिन रावत

(फाइल फोटो: IANS)

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भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया. तमिलनाडु के कुन्नूर में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई. आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई है.

इस हादसे से एक दिन पहले ही जनरल रावत ने जैविक युद्ध की बात कही थी. उनका कहना था कि अगर ‘जैविक युद्ध’ की किसी तरह शुरुआत हो रही है तो हमें एक साथ काम करने की जरूरत है. इसी तरह युद्ध के दूसरे तरीकों पर भी जनरल रावत कई बार बयान दे चुके हैं.

बिम्सटेक देशों (जिसमें दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के देश सामिल हैं) के एक कार्यक्रम में वो कह रहे थे कि कोरोना महामारी जैविक युद्ध में बदल सकती है.

मैं एक और मुद्दा उठाना चाहूंगा. वह यह है कि क्या यह एक नए प्रकार के युद्ध का स्वरूप ले रहा है. हम लोगों को खुद को मजबूत कर इससे निपटना होगा ताकि ये वायरस और बीमारियां हमारे देश को प्रभावित न कर सकें.
सीडीएस बिपिन रावत

रॉकेट फोर्स बनाने पर दे चुके हैं जोर

अफगानिस्तान में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने एक बार कहा था कि चीन बहुत आक्रामक हो रहा है और ईरान-तुर्की के साथ अपनी दोस्ती बढ़ा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे दुश्मन देश से निपटने के लिए भारत को एक एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र बनाने की जरूरत है. देश की सभी सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एक 'रॉकेट फोर्स' बनाने के बारे में सोचा जा रहा है.

बिपिन रावत ने इस बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं दी लेकिन उन्होंने कहा कि, "रॉकेट फोर्स सशस्त्र बलों और केंद्रीय बलों के बीच एक 'कड़ी' के रूप में काम करेगी. भविष्य की रक्षा चुनौतियों और युद्ध के तरीकों में होने वाले बदलाव को देखते हुए भारत पहले ही थियेटर कमान बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुका है. स्पेस और साइबर युद्ध के लिए भी देश अपनी क्षमताओं को विकसित कर रहा है".
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जनरल बिपिन रावत ने एक बार साइबर हमलों को लेकर भी बात रखी थी. उनहोंने कहा था कि चीन भारत पर साइबर हमले शुरू करके सिस्टम में अडंगा लगा सकता है और इस तरह के किसी भी कदम का मुकाबला करने के लिए भारत और इसका तंत्र तैयार है.

विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को पूरा करने के लिए सशस्त्र बलों को आकार देने पर बात रखते हुए, जनरल रावत ने कहा-

हम जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वह एक सिस्टम हैं जो साइबर रक्षा को सुनिश्चित करेगा. हम सशस्त्र बलों के अंदर एक साइबर एजेंसी बनाने में सक्षम हैं और प्रत्येक सेवा की अपनी साइबर एजेंसी भी है. इस मामले में चीन आगे है, लेकिन भारत भी अपनी तकनीकों को विकसित कर रहा है.

इससे पहले जनरल बिपिन रावत सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में भी बयान देते वक्त कह चुके हैं कि, "बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश था कि भारत में आतंकी भेजे तो बख्शेंगे नहीं. आतंकवाद से निपटने के भारत के नए तरीके से पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है. पाकिस्तान को हमारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने दीजिए फिर हमारे सेना की प्रतिक्रिया बहुत अलग होगी."

उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है और सेना भी तैयार है. पाकिस्तान को कंट्रोल करने की जरूरत नहीं है. वो धीरे-धीरे खुद ही डीकंट्रोल हो रहा है और शायद हमें कोई कार्यवाही करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. वह खुद ही आत्मदाह के मुहाने पर खड़ा है."

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