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नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तनाव का माहौल बना हुआ है. तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को रविवार दोपहर लखनऊ हवाई अड्डे पर "हिरासत में" लिया गया है. ये सदस्य उत्तर प्रदेश में नए नागरिकता कानून के विरोध के दौरान मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए यहां आए थे. पार्टी सूत्रों ने ये दावा किया. इससे पहले यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि टीएमसी के कुछ नेता लखनऊ आना चाहते हैं, लेकिन उन्हें राज्य में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
टीएमसी राज्यसभा सांसद मोहम्मद नादिमुल हक, जो प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, ने लखनऊ से फोन पर पीटीआई को बताया कि वे और पार्टी के अन्य सदस्य हवाई अड्डे पर एक हैंगर के पास बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे.
पार्टी के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में सांसद प्रतिमा मंडल और अबीर विश्वास भी शामिल हैं.
इससे पहले न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक बयान में यूपी के डीजीपी ने कहा था-
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस के नेता लखनऊ एयरपोर्ट पर आते हैं, तो हम उन्हें शहर में आने की इजाजत नहीं देंगे.
उत्तर प्रदेश में शनिवार को भी कई जगहों पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए. कानपुर और रामपुर में भीड़ ने आगजनी की. प्रदेश के विभिन्न जिलों में गुरुवार से चल रही हिंसा में अब तक कम-से-कम 16 लोग मारे जा चुके हैं. यूपी पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदातों में 879 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है.135 अपराधिक तत्वों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है और 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है. घायलों में 263 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं और उनमें से 57 को गोली लगी है. पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने दावा किया कि टकराव स्थलों से पुलिस को गोलियों के 405 खाली खोखे मिले हैं.
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