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CBI चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी. अचानक छुट्टी पर भेजे जाने के बाद आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था.
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा, स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर एजेंसी का पहला बयान आया है. एजेंसी ने कहा, वर्मा और अस्थाना अपने-अपने पद पर काबिज हैं. जब तक आरोपों की जांच चल रही है तब तक नागेश्वर राव सीबीआई डायरेक्टर का कामकाज देखेंगे. सीबीआई ने राफेल डील की खबरों को भी गलत बताया है.
दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट ने कारोबारी मनोज प्रसाद को पांच दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा है. मनोज प्रसाद बिजनेसमैन और इन्वेस्टमेंट बैंकर है. उसकी दुबई में क्यू कैपिटल नाम की कंपनी है.
मनोज प्रसाद पर आरोप है कि उसने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को घूस दी. सीबीआई की एंटी-करप्शन यूनिट ने 17 अक्टूबर को मनोज को दुबई से दिल्ली लौटने के बाद गिरफ्तार किया था.
सतीश बाबू सना ने अस्थाना पर बिचौलिए मनोज प्रसाद के जरिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. अस्थाना की अगुवाई वाली टीम ने ही सना के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था. सना ने कई बार देश से भागने की कोशिश की, लेकिन सीबीआई की सख्ती की वजह से वह कामयाब नहीं हो सका.
मनोज प्रसाद से सना की मुलाकात दुबई में हुई थी. सना ने प्रसाद को सीबीआई से समन मिलने के बारे में बताया था. मनोज प्रसाद ने सना को आश्वस्त किया था कि वह सीबीआई से क्लीनचिट दिलाने में उसकी मदद करेगा. मनोज ने उसे बताया था कि वह क्लीनचिट दिलाने में अपने भाई सोमेश की मदद लेगा, जिसके सीबीआई में लिंक हैं.
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर गुरुवार को खुफिया ब्यूरो (आईबी) के चार लोग पकड़े गए थे. इसे लेकर आईबी ने किसी भी तरह के संदेह को खारिज करते हुए कहा है कि ये उनके कर्मचारी हैं और वो वहां रुटीन पेट्रोलिंग पर थे.
आईबी ने एक बयान में कहा, "आईबी के पास सार्वजनिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के हालात को प्रभावित करने वाली बातों पर खुफिया जानकारी इकट्टी करने की जिम्मेदारी है. इसलिए कर्मचारियों को नियमित रूप से संवेदनशील इलाकों में तैनात किया जाता है."
सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के घर के बाहर पकड़े गए आईबी के चारों लोग को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है.
पूछताछ के दौरान आईबी के इन लोगों ने बताया कि वो रुटीन ड्यूटी पर थे. सुबह 6.30 बजे के आसपास दो कारों में सवार होकर आए थे.
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा के घर के बाहर से दिल्ली पुलिस ने 4 लोगों को हिरासत में लिया है. इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अब मोदी सरकार जबरन हटाए गए सीबीआई डायरेक्टर की आईबी के जरिए जासूसी करा रही है. सभी लोग आगाह रहें- आईबी भी अब सीबीआई के रास्ते पर बढ़ रहा है.
CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना समेत CBI के अधिकारियों के खिलाफ SIT से जांच करवाने की मांग को लेकर सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट ने नई याचिका दाखिल की है. जिसपर सुनवाई के लिए कोर्ट ने सहमति दे दी है.
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को लेकर कांग्रेस अब सरकार को घेरने का मौका गंवाना नहीं चाहती है. इसी को देखते हुए 26 अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी देश भर में सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. कांग्रेस सीबीआई हेडक्वार्टर्स के बाहर भी प्रदर्शन करेगी.
बताया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं.
CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा के घर के पास 4 संदिग्धों को पकड़ा गया है. दिल्ली पुलिस चारों से पूछताछ कर रही है. पुलिस को शक है कि ये चारों आलोक वर्मा के घर के बाहर नजर बनाए हुए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए संदिग्धों के पास से IB (Intelligence Bureau) के ID कार्ड मिले हैं.
बता दें कि गुरुवार सुबह ये सभी आलोक वर्मा के घर के बाहर हंगामा कर रहे थे. जिसके बाद आलोक वर्मा के पर्सनल सुरक्षागार्ड उन्हें पकड़कर आवास के अंदर ले गए और पूछताछ शुरू की. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने इन सभी को हिरासत में ले लिया है.
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, "एक निष्पक्ष और तेज जांच के लिए राकेश अस्थाना मामले की जांच कर रही टीम को नए सिरे से गठित किया गया है. हमने नई टीम को सबसे अच्छे संसाधन उपलब्ध कराए हैं. किसी दफ्तर को सर्च और सील करने की खबर पूरी तरह झूठ है. सीबीआई सामान्य तरीके से काम कर रही है."
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई निदेशक को राहत देगी क्योंकि, यह दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट ऐक्ट की धारा 4 का उल्लंघन है. मैं जानना चाहता हूं कि सीवीसी ने उन्हें हटाने के लिए किस सेक्शन का इस्तेमाल किया. प्रधान मंत्री एक भ्रष्ट अधिकारी का बचाव क्यों कर रहे हैं? सभी लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है."
अंतरिम सीबीआई प्रमुख नागेश्वर राव विजय माल्या और अगस्ता वेस्टलैंड मामलों समेत सभी संवेदनशील मामलों की जांच की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी करेंगे.
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बयान के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से कई सवाल पूछे हैं. कांग्रेस के सीनियर लीडर और प्रवक्ता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा, “सरकार ने सीबीआई के डायरेक्टर को छुट्टी पर भेजकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकार दिया है.”
अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा,
अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा, “सरकार अभियुक्त के समर्थन में खड़ी है, जांच करने वाले अधिकारी को हटाया गया है. सीबीआई के जिस अधिकारी (अस्थाना) पर फिरौती के आरोप लगे थे उसे बचाने की कोशिश कर रही है सरकार. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधे सीबीआई अधिकारियों को बुलाना बेहद आपत्तिजनक है, नियमों को खिलाफ है. इन मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह रिमोट कंट्रोल हैं.
अभिषेक मनुसिंघवी ने अरुण जेटली के उस बयान का जवाब दिया है जिसमें जेटली ने कहा था कि सीबीआई जांच पर निगरानी का अधिकार सीवीसी के पास है. सिंघवी ने कहा,
अभिषेक मनुसिंघवीने कहा, सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम 2 साल होता है. रिटायरमेंट होने के बावजूद कार्यकाल दो साल से कम नहीं होता. सीबीआई डायरेक्टर के तबादले के लिए सिलेक्शन कमेटी की मंजूरी लेनी होती है. सीबीआई डायरेक्टर की सिलेक्शन कमेटी में प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और विपक्ष के नेता शामिल हैं. कानून को धूल में मिलाने की कोशिश कर रही है नरेंद्र मोदी सरकार.
अभिषेक मनुसिंघवीने कहा,
आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीबीआई के अलग-अलग मतलब बताकर बीजेपी पर तंज कसा है. तेजस्वी ने कहा,
CBI के स्पेशल डायरेक्टर आलोक वर्मा के ट्रांसफर पर खुद की सरकार के खिलाफ सुब्रह्मण्यम स्वामी ने बयान दिया है. स्वामी आलोक वर्मा के समर्थन में आ गए हैं. स्वामी ने कहा,
सीबीआई में मचे घमासान पर पहली बार सरकार की तरफ से बयान आया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “सीबीआई देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, इसलिए उसका सम्मान बना रहना जरूरी है. ईमानदार जांच के लिए सीबीआई की इंटेग्रिटी बहुत जरूरी है. देश के अंदर भी हर बड़े मामले की जांच के लिए सीबीआई को कहा जाता है. दुनिया में भी सीबीआई के बारे में अच्छी इमेज जरूरी है. विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है. सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं. सीबीआई के दो सबसे बड़े अधिकारियों पर आरोप हैं, इसलिए पारदर्शिता जरूरी है ताकि दोनों आरोपों की जांच हो. सीबीआई एक्ट के तहत सेंट्रल विजिलेंस कमीशन के पास अधिकार हैं”
जेटली ने कहा,
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा, “भारत की जांच प्रक्रिया को हास्यापद होने नहीं दिया जा सकता, लेकिन जिस तरह से अधिकारी लड़ रहे थे ऐसे हालात हो गए थे. जिन अधिकारियों पर आरोप हैं जांच होने तक उन्हें प्रक्रिया से दूर रखा जाना जरूरी है. विपक्ष अगर किसी अधिकारी का सपोर्ट करता है तो उससे अधिकारी की इमेज को भी नुकसान होगा. सीबीआई पर सवाल उठे तो इसका फायदा घोटालेबाजों को ही होगा. प्रधानमंत्री और सरकार पर विपक्ष के आरोप बकवास हैं.”
राष्ट्रीय जनता दल ने भी सीबीआई में जारी घमासान पर नाराजगी जताई है. आरजेडी ने लिखा है, ‘चारा घोटाले की जांच करने वाले सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर तीन करोड़ की घूस लेने का केस दर्ज हुआ है. आज कोर्ट में खुद सीबीआई ने कहा कि सीबीआई घूसखोरी का अड्डा बन गया था. अब आप दिन प्रतिदिन लालू यादव के घर पर पड़ने वाले छापे को समझिए, क्या इसके लिए कोई फंडिंग कर रहा था?’
नागेश्वर राव ने कामकाज संभालते हुए कई अफसरों का तबादला कर दिया है और कई अफसरों की नियुक्ती भी की है. राकेश अस्थाना से जुड़े करप्शन मामले की जांच के लिए DIG तरुण गौबा, SP सतीश डागर और ज्वाइंट डारेक्टर मुरुगेसन को लाया गया है.
सीताराम येचुरी बोले, सरकार और प्रधानमंत्री ने सीबीआई के खिलाफ राजनीतिक तख्तापलट किया, अस्थाना केस की जांच कर रहे सभी अधिकारियों को तबादला किया गया ताकि पीएम के चहेते अफसर को बचाया जा सके. सीताराम येचुरी बोले,
सीबीआई के इस लड़ाई में पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह ने मोदी सरकार के हाथ में अधिकार का जिक्र किया है. उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि संस्थान की ईमानदारी (सीबीआई) सबसे महत्वपूर्ण है. असाधारण स्थिति में, सरकार के पास काम करने का पूरा अधिकार है. इस समय, शीर्ष दो लोगों के बीच एक खुली लड़ाई संस्थान के लिए कयामत जैसा है.”
नागेश्वर राव ने कामकाज संभालते हुए कई अफसरों का तबादला कर दिया है. राकेश अस्थाना से जुड़े करप्शन मामले की जांच कर रहे इंवेस्टिगेटिंग ऑफीसर डीएसपी अजय बस्सी का ट्रांसफर कर दिया गया है. उन्हें तुरंत प्रभाव से पोर्ट ब्लेयर में CBI के डिप्टी SP के रूप में पद संभालने के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही एडिशनल एसपी एसएस ग्रूम का ट्रांसफर जबलपुर किया गया है.
आपको बता दें कि ये सभी वो लोग थे जो स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से जुड़े घूसकांड मामलों की जांच कर रहे थे.
छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ CBI चीफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा की याचिका को स्वीकार कर लिया है और इसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
सीबीआई में मचे हंगामे पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मोदी सरकार ने सीबीआई की आजादी में 'आखिरी कील' ठोंक दी है. सीबीआई का व्यवस्थित विध्वंस और बदनामी अब पूरी हो गयी है. एक वक्त की शानदार जांच एजेंसी, जिसकी अखंडता, विश्वसनीयता और दृड़ता खत्म करने का काम प्रधानमंत्री ने किया.
सुरजेवाला ने कहा,
सुरजेवाला ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या राफेल घोटाले में भ्रष्टाचार की जांच करने में उत्सुकता दिखाने के कारण सीबीआई निदेशक को बर्खास्त किया गया है?
एएनआई से बात करते हुए सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि सीबीआई निदेशक और विशेष निदेशक कार्यालयों में आज 2 बजे तक फाइलों या अधिकारियों की एंट्री नहीं होगी.
आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के फैसले को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने गैर कानूनी बताया है. उन्होंने कहा कि आलोक वर्मा को हटाना गैर कानूनी है, इसलिए इस फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को फोर्स लीव पर भेजे जाने के बाद उनके सीबीआई मुख्यालय स्थित दफ्तरों को सील कर दिया गया है. हालांकि सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक सीबीआई दफ्तर में किसी भी कमरे को सील नहीं किया गया है.
करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिल गई है. 29 अक्टूबर तक उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. CBI ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया था. जिसके बाद राकेश अस्थाना ने FIR को रद्द कराने के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
29 अक्टूबर को अस्थाना के आरोप पर सीबीआई डायरेक्टर जवाब देंगे. तब तक अस्थाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी. हालांकि अस्थाना और मोइन कुरैशी मामले में जांच अफसर देवेंद्र कुमार के खिलाफ जांच जारी रहेगी.
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने अपने ऊपर लगे रिश्वत के आरोप और FIR के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. लेकिन उनकी अर्जी खारिज कर दी गई.
सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने के बाद केंद्र सरकार ने एम. नागेश्वर राव को तत्काल प्रभाव से आलोक वर्मा की जगह नियुक्त किया है.
राव सीबीआई में अभी जॉइंट डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे थे. राव 1986 बैच के ओडिशा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. राव ओडिशा और पश्चिम बंगाल में हुए चिट फंड और शारदा घोटाले की भी जांच कर रहे थे.
सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच जारी कलह पर केंद्र सरकार ने दखल दिया है. सरकार ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया है. वर्मा की जगह एम. नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के DSP देवेंद्र कुमार को सात दिनों की सीबीआई कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. मामले में 29 अक्टूबर को सुनवाई होगी. इस दिन अस्थाना के आरोप पर सीबीआई डायरेक्टर जवाब देंगे. तब तक अस्थाना के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से उनका कार्यभार वापस ले लिया गया है. अस्थाना पर रिश्वत का आरोप लगा है. हालांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे रिश्वत के आरोप और FIR के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. राकेश अस्थाना ने कोर्ट से अपील की है कि उनके खिलाफ CBI ने जो FIR किया है उसे रद्द किया जाए. साथ ही इस मामले में उनके साथ कोई जोर जबरदस्ती न की जाए.
घूसखोरी के आरोपों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किए गए सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार ने भी दिल्ली हाई कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दाखिल की है.
देवेंद्र कुमार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के दौरान सीबीआई ने अपनी एजेंसी के खिलाफ ही बड़ा बयान दिया. डीएसपी देवेंद्र कुमार की 10 दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि सीबीआई में जांच में जांच के नाम पर उगाही का धंधा चल रहा है.
सीबीआई में सोमवार को अनोखी बात हुई. एजेंसी ने अपने ही दफ्तर में छापा डालकर अपने एक अफसर को गिरफ्तार कर लिया. डिप्टी एसपी रैंक के देवेंद्र कुमार पर आरोप है कि उसने दस्तावेजों में हेराफेरी की जिसके आधार पर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने अपने ही डायरेक्टर आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़ दिए.
दरअसल, सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर घूस लेने के आरोप में केस दर्ज किया है. अस्थाना पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपी मीट व्यापारी मोइन कुरैशी से उनके केस को निपटाने के लिए 3 करोड़ रुपए की घूस लेने का आरोप है.
राकेश अस्थाना के खिलाफ एक बिजनेसमैन सतीश सना की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि मोइन कुरैशी से 50 लाख रुपये लेने के मामले में सतीश सना भी जांच के घेरे में था, इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व खुद अस्थाना कर रहे थे.
सीबीआई के बयान के मुताबिक देवेंद्र कुमार के खिलाफ मामला भी सतीश साना से जुड़ा है जो मोइन कुरैशी मामले में एक गवाह हैं. बयान के मुताबिक ये पाया गया है कि जिस दिन साना का बयान लेना बताया गया है उस दिन साना दिल्ली में ही नहीं थे.
सीबीआई ने साना की शिकायत के आधार पर स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना, सीबीआई डीएसपी देवेंद्र कुमार, मनोज प्रसाद, कथित बिचौलिए सोमेश प्रसाद और पर भी मामला दर्ज किया है.
सीबीआई में मचे इसे हंगामे से पीएमओ को भी हरकत में आना पड़ा. खबर है कि दोनों अफसरों के इस तरह सरेआम झगड़े से किरकिरी के देखते हुए पीएमओ ने डायरेक्टर आलोक वर्मा और दूसरे नंबर के अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को तलब किया है.
दरअसल दोनों अफसर संकोच और मर्यादा छोड़ एक-दूसरे की खुलेआम पोल खोल रहे हैं. दोनों ने एक दूसरे पर करोड़ों रुपए की घूस के आरोप लगाए हैं.
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