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मेयर का इस्तीफा, 3 AAP पार्षद BJP में शामिल- चंडीगढ़ नगर निगम का बदला नंबर गेम

18 फरवरी की देर शाम बीजेपी नेता मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर पद से इस्तीफा दे दिया.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>Breaking News Live Updates: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की SC में सुनवाई आज</p></div>
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Breaking News Live Updates: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की SC में सुनवाई आज

फोटो- क्विंट हिंदी

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली मामले (Chandigarh Mayor Election) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 19 फरवरी को सुनवाई होनी है. उससे एक दिन पहले 18 फरवरी की देर शाम बीजेपी नेता मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, अब चंडीगढ़ नगर निगम का नंबर गेम बदल गया है. AAP के तीन पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.

AAP के तीन पार्षद पूनम देवी, नेहा और गुरचरण काला 18 फरवरी की देर शाम बीजेपी में शामिल हो गए. 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में बीजेपी के 14 पार्षद थे और 3 पार्षदों के शामिल होने के बाद उनकी संख्या 17 हो गई है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है और बीजेपी की चंडीगढ़ सांसद किरण खेर के पास भी मतदान का अधिकार है. ऐसे में बीजेपी के पास अब 19 का जादुई आंकड़ा है. संख्याबल के हिसाब से वो नगर निगम में बड़ी पार्टी बन गई है.

AAP के पास अब 10 पार्षद हैं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस के पास सात हैं.

बता दें कि चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद हैं, जबकि एक सांसद का वोट मिलकर 36 वोट डाला जाता है. इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 बैठता है.

30 जनवरी को चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव हुए थे. मनोज सोनकर ने आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को हराकर चुनाव जीता. इस चुनाव को इंडिया ब्लॉक की पहली चुनावी लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी को 16 वोट मिले और कांग्रेस और AAP के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप सिंह 12 वोट ही हासिल कर पाए. 8 वोट को अवैध घोषित कर दिए गए.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

30 जनवरी को परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद में हंगामा मच गया और कांग्रेस और AAP पार्षदों ने BJP पर धोखाधड़ी करने और उचित चुनावी प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप लगाया, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को एक वीडियो में मतपत्रों के साथ "छेड़छाड़" करते हुए पकड़ा गया था, जो उन्होंने बाद में सुप्रीम कोर्ट को सौंपा था. बीजेपी ने इस आरोप को खारिज कर दिया.

मतपत्रों को कथित रूप से विकृत करने से सुनवाई के दौरान SC ने कहा था कि यह लोकतंत्र का मजाक है. कोर्ट ने आदेश दिया था कि मतपत्रों और चुनावी कार्यवाही के वीडियो को संरक्षित रखा जाए.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने मतगणना का एक वीडियो देखने के बाद कहा, "क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? वह कैमरे की ओर देखता है, और स्पष्ट रूप से मतपत्र को विकृत कर देता है." अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर मसीह को 19 फरवरी को उसके सामने पेश होने का निर्देश दिया है.

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