चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor elections) में बीजेपी की जीत पर उद्धव ठाकरे (Uddhav thakre) गुट की शिवसेना ने बीजेपी पर जुबानी हमला बोला है. शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में केंद्र पर कटाक्ष करते हुए लिखा "यह बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत है." चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP के उम्मीदवार मनोज सोनकर को 16 वोट और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले . हालांकि, इंडिया गुट ने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली हुई है.
चंडीगढ़ मेयर चुनाव के नतीजे पर विवाद के बीच, शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में केंद्र पर कटाक्ष किया और लिखा कि यह बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत है, साथ ही कहा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने अपना सिर झुका लिया है. चंडीगढ़ में सिर शर्म से झुक गया.
चलिए जानते हैं कि 'सामना' में और लिखा है...
"चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत बेईमानी और भीड़तंत्र की जीत है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सिर चंडीगढ़ में शर्म से झुक गया और लोकतंत्र की यह हत्या गांधी की पुण्यतीथि के दिन हुई. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में AAP और कांग्रेस प्रत्येक के पास 20 वोट थे, जबकि बीजेपी के पास 16 वोट थे. पीठासीन अधिकारी ने घोषणा की कि भाजपा ने मेयर की सीट जीत ली है. लोकतंत्र का यह 'डरावना शो' चित्रित किया गया और दुनिया ने बीजेपी का यह कायरतापूर्ण पक्ष देखा,''
बीजेपी पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
शिवसेना ने 'सामना' में आगे लिखा कि बीजेपी के मनोज सोनकर को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया गया. उन्होंने मेयर चुनाव में 16 वोट लेकर जीत हासिल की थी. जबकि कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 12 वोट मिले. आठ मत अवैध घोषित किये गये.
धोखाधड़ी और बेईमानी के बिना बीजेपी मेयर का चुनाव नहीं जीत सकती, बीजेपी पिछले दस साल से केंद्र में सत्ता में है और 2024 में फिर से सत्ता में आने की बात कर रही है. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जो हुआ वह भयावह है 2024 का चुनाव कैसा होगा. चंडीगढ़ में जो हुआ वह सीधे तौर पर बीजेपी की दादागिरी थी. बीजेपी देश के आम चुनाव जीतने को जीतने के लिए निचले स्तर तक गिर जाएगी."
लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण
सामना में आगे लिखा कि ये तथाकथित राम भक्त ही थे, जिन्होंने लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण किया. ''चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी ने 'अंडरवर्ल्ड' तरीके से गुंडागर्दी की है. कांग्रेस और AAP जैसी पार्टियों को तोड़कर वहां सत्ता स्थापित करने में कोई सफलता नहीं मिली,. पीठासीन अधिकारी ने 8 वोटों को अवैध घोषित कर दिया और उन मतपत्रों को वापस ले लिया.'' यह लोकतंत्र रूपी सीता का अपहरण है, जो चंडीगढ़ में खुलेआम हुआ.''
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