advertisement
चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) में धांधली के मामले पर सोमवार 5 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है और चुनाव में धांधली को लोकतंत्र की हत्या बताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा,
बता दें कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीते के बाद विपक्षी इंडिया ब्लॉक (INDIA Bloc) चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. चुनाव के नतीजे 30 जनवरी को घोषित किए गए थे. जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस-आप उम्मीदवार कुलदीप कुमार को 20 वोट मिले थे. हालांकि, रिटर्निंग ऑफिसर ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के 8 वोट अवैध घोषित कर दिए गए थे, जिसकी वजह से BJP के उम्मीदवार की जीत हुई.
वहीं चुनाव के ठीक बाद आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर आरोप लगाया गया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने जानबूझकर 8 वोटों को अवैध घोषित किए हैं.
आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है. वीडियो में साफ दिख रहा है कि वह कैमरे की तरफ देख रहा है और बैलट पेपर खराब कर रहा है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के जरिए मतपत्र, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया जाए.
इसके बाद अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को नोटिस जारी किया है.
बता दें कि ये सुनवाई आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षद कुलदीप कुमार की याचिका पर हो रही थी, जिसमें चुनाव परिणाम पर तत्काल रोक लगाने से पंजाब और हरियाणा उहाई कोर्ट के इनकार को चुनौती दी गई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)