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छत्तीसगढ़ के रायपुर में 8 जून की सुबह पशु तस्करी की आशंका में दो पक्षों में मारपीट का मामला सामने (Youth Murdered in Chhattisgarh) आया है. जिसमें दो युवकों की मौत हो गई. वहीं, एक युवक घायल है. पुलिस के अनुसार, युवक एक पुल पर मृत मिले थे. वहीं, पीड़ितों के परिवार ने अज्ञात लोगों पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया है.
पुलिस ने मामले में एक्शन लेते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC की धारा 307 (हत्या के प्रयास के लिए सजा) और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की है.
जानकारी के अनुसार, तीन युवक कथित तौर पर मवेशी से भरे ट्रक को लेकर ओडिशा के महासमुंद बाजार लेकर जा रहे थे, तभी उन्हें संदेह हुआ कि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ी रायपुर की ओर मोड़ दी लेकिन रास्ते में उन्हें नुकीली कीलें लगी मिली. आरोप है कि तीनों के साथ मारपीट की गई और उन्हें नदी में फेंक दिया गया, जिसमें एक युवक की मौक पर ही मौत हो गई. वहीं, दूसरे ने हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. तीसरे युवक को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं, मृतकों में से एक के परिजन का आरोप है कि उनकी पीट-पीटकर हत्या की गई और फिर उन्हें नदी में फेंक दिया गया.
दोनों मृतक और घायल तीनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. मृतकों की पहचान 35 वर्षीय गुड्डु खान और 23 वर्षीय चांद मिया खान के रूप में हुई है और घायल की पहचान 23 वर्षीय सद्दाम कुरैशी के रूप में हुई है. कुरेशी और चांद चचेरे भाई थे और वे उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के निवासी थे, जबकि गुड्डु यूपी के शामली जिले का रहने वाला था.
रायपुर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौड़ ने बताया...“हमें सूचना मिली कि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे थे, जिसके बाद वे महानदी पुल के नीचे पाए गए. सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंची. उनमें से एक की मौत हो गई थी, जबकि दो को महासमुंद के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां एक अन्य ने दम तोड़ दिया. तीसरे युवक को रायपुर शहर के एक अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है"
यह पूछे जाने पर कि क्या शवों पर मारपीट के निशान थे, राठौड़ ने कहा, “हां, लेकिन वे लगभग 30 फीट की ऊंचाई से पुल से गिरे और पत्थरों पर गिरे. हमारे लिए, यह पहचानना मुश्किल है कि सभी चोटें गिरने के कारण लगीं या कुछ गिरने से पहले लगी थीं. केवल डॉक्टर ही स्पष्ट कर सकते हैं कि चोटें कैसे लगीं”
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, कुरैशी और चांद के एक चचेरे भाई ने दावा किया कि जब दोनों के साथ कथित मारपीट की जा रही थी, तब दोनों ने 7 जून की सुबह 2 बजे से 4 बजे के बीच घर पर फोन किया था. उनके अनुसार, कुरैशी की एक कॉल 47 मिनट तक चली, जिसके दौरान उन्हें मदद के लिए चिल्लाते, उन पर हमला न करने की गुहार लगाते और पानी मांगते हुए सुना जा सकता था.
उन्होंने दावा किया-“इससे पहले, चांद ने फोन किया और उसने बताया कि वाहन को रोका गया और उन पर हमला किया गया. तभी किसी ने उसका फोन छीन लिया... हमने उस समय पुलिस को फोन नहीं किया क्योंकि हमने नहीं सोचा था कि मामला इस हद तक जाएगा. हम चांद के नंबर पर कॉल करते रहे लेकिन उसने फोन नहीं उठाया. आखिरकार, सुबह करीब 5 बजे, एक पुलिस अधिकारी ने उठाया और कहा कि वह मर चुका है. हमें कोई अंदाजा नहीं था कि वे किस काम से गए थे; हमें बस इतना पता था कि चांद एक ड्राइवर है,''
मृतकों के चचेरे भाई के दावों पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राठौड़ ने कहा, “हमारे पास अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं है. हम यह पता लगाने के लिए कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच करेंगे कि सभी पीड़ितों ने किससे बात की और उनके बयान दर्ज करेंगे. हम परिवार के सदस्यों का बयान भी दर्ज करेंगे."
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