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विरोध के बीच देशभर में लागू हुआ CAA, सरकार का नोटिफिकेशन जारी  

संशोधित नागरिकता कानून को पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था.

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संशोधित नागरिकता कानून को पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था. तब से देश के कई हिस्सों में लगातार इसका भारी विरोध हो रहा है.
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संशोधित नागरिकता कानून को पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था. तब से देश के कई हिस्सों में लगातार इसका भारी विरोध हो रहा है.
(फोटो : PTI)

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देशभर में जारी भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को घोषणा कर दी कि संशोधित नागरिकता कानून (CAA) 10 जनवरी से देशभर में लागू हो गया है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि कानून 10 जनवरी 2020 से प्रभावी होगा, जिसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी. संशोधित नागरिकता कानून को पिछले साल 11 दिसंबर को संसद में पारित किया गया था.

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में लिखा है, ‘केंद्रीय सरकार, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (2019 का 47) की धारा 1 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, 10 जनवरी 2020 को उस तारीख के रूप में नियत करती है जिसको उक्त अधिनियम के उपबंध प्रवृत होंगे.’  

क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)

सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी नागरिकता संशोधन कानून के प्रावधानों के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के अल्पसंख्यक यानी हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

कानून के मुताबिक इन छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी. इससे पहले तक यह समयसीमा 11 साल की थी. कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानूनी प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी

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कहां पर लागू नहीं होगा CAA

कानून के मुताबिक यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं. इसके साथ ही यह कानून इनर लाइन परमिट (ILP) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा. इनर लाइन परमिट अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में लागू है. स्थानीय लोगों की मांग की वजह से केंद्र सरकार ने इन राज्यों में इनर लाइन परमिट जारी किया है. इस वजह से ये नियम यहां लागू नहीं होंगे. बता दें कि इनर लाइन परमिट एक यात्रा दस्तावेज है, जिसे भारत सरकार अपने नागरिकों के लिए जारी करती है, ताकि वो किसी संरक्षित क्षेत्र में निर्धारित अवधि के लिए यात्रा कर सकें.

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