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कांग्रेस (Congress) नेतृत्व ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन की समीक्षा के लिए अलग-अलग बैठकें कीं और कहा कि दोनों राज्यों में बीजेपी के हाथों उसकी हार अप्रत्याशित थी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में समीक्षा बैठक बुलाई थी, जहां पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.
पार्टी ने छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों पर समीक्षा बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, "आज दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे."
कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राज्य कांग्रेस प्रमुखों को पार्टी के प्रदर्शन पर बूथ-वार रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है.
एआईसीसी की छत्तीसगढ़ प्रभारी महासचिव कुमारी शैलजा ने कहा कि वे निराश हैं, लेकिन हतोत्साहित नहीं हैं और आगामी लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपना वोट शेयर नहीं खोया है और वह राज्य में चुनाव परिणामों पर विस्तृत विश्लेषण करेगी.
शैलजा ने आगे कहा, "हम निराश हैं, लेकिन हताशा में नहीं. आने वाले समय में हम लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे."
उन्होंने कहा कि सभी सर्वे, ओपिनियन पोल और अपेक्षाओं को झुठलाते हुए अंतिम रिजल्ट अप्रत्याशित थे, लेकिन पार्टी ने राज्य में लोगों के विश्वास को बरकरार रखा है.
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हालांकि नतीजे निराशाजनक थे, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा था.
शैलजा ने विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी संसदीय चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी क्योंकि लोगों को अभी भी कांग्रेस पार्टी पर विश्वास है, जैसा कि मतदान पैटर्न में स्पष्ट था. उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव एकतरफा मामला नहीं था क्योंकि कई निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी के उम्मीदवार मामूली अंतर से हार गए.
उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में लोगों तक पहुंचना जारी रखेंगे.
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल में मध्य प्रदेश में पार्टी की हार के कारणों पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, "हमने पार्टी की हार के कारणों पर खुलकर चर्चा की और नेताओं ने मंच के भीतर पार्टी की कमियों का विश्लेषण किया."
उन्होंने मध्य प्रदेश के मतदाताओं को धन्यवाद दिया और कहा कि पार्टी मध्य प्रदेश में लोगों के अधिकारों के संरक्षक के रूप में कार्य करना जारी रखेगी और उनकी सेवा करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना जारी रखेगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या ईवीएम का मुद्दा भी उठाया गया, उन्होंने कहा, बैठक में सभी मुद्दे उठाए गए लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से उठाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा, "परिणाम निराशाजनक हैं और हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं."
जानकारी के अनुसार, राजस्थान को लेकर कांग्रेस मुख्यालय पर शनिवार (9 दिसंबर) को समीक्षा बैठक होगी. इसमें अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा और तीन अन्य सह प्रभारी भी शामिल होंगे.
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