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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (COP 28) के पक्षों के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार देर रात यानी 30 नवंबर को दुबई पहुंचे. इस दौरान पीएम मोदी का हवाई अड्डे पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आंतरिक मंत्री और उप प्रधान मंत्री शेख सैफ बिन जायद अल नाहयान ने स्वागत किया.
अधिकारियों ने कहा कि दुबई में लगभग 21 घंटे के प्रवास के दौरान PM सात द्विपक्षीय बैठकें करेंगे, चार भाषण देंगे और जलवायु घटनाओं पर दो विशेष पहल का हिस्सा होंगे.
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी की यह संयुक्त अरब अमीरात की छठी यात्रा है, जबकि वो तीसरी बार वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट में भाग ले रहे हैं. इससे पहले 2015 में पेरिस और 2021 में ग्लासगो के शिखर सम्मेलन में भी पीएम मोदी शामिल हो चुके हैं.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, पीएम शिखर सम्मेलन के पहले दो दिनों के कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस दौरान वह विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. शुक्रवार (1 दिसंबर) को COP28 बैठक के हाई लेवल सेंशन में 140 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों या सरकारों के प्रमुखों के शामिल होने की उम्मीद है.
विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में विश्व नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और इस प्रकार जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने पर चर्चा में भाग लेंगे. शिखर सम्मेलन का मुख्य एजेंडा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक स्टॉकटेकिंग अभ्यास पूरा करना है, और देशों द्वारा उठाए जा रहे जलवायु कार्यों को मजबूत करने के उपायों पर निर्णय लेना है.
इससे पहले, भारत ने दोहराया था कि वह बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर अपनी निर्भरता को जल्द ही छोड़ने की स्थिति में नहीं है, भले ही वह हरित ऊर्जा में त्वरित परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति में तेजी से वृद्धि कर रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुबई यात्रा से पहले विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा:
वहीं, COP28 बैठक से इतर पीएम मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात स्थित अलेतिहाद अखबार को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि जलवायु परिवर्तन एक सामूहिक चुनौती है, जो एकीकृत वैश्विक प्रतिक्रिया की मांग करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकासशील देशों को अपेक्षित जलवायु वित्तपोषण और तकनीकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए कहा है कि यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि उन्होंने जलवायु समस्या पैदा करने में योगदान नहीं दिया है, लेकिन फिर भी समाधान का हिस्सा बनने के इच्छुक हैं.
मोदी ने अखबार को बताया कि भारत और यूएई के बीच मजबूत और स्थायी संबंध हैं और वे ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने, ऊर्जा क्षेत्र में एक-दूसरे की ताकत का लाभ उठाने और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की वैश्विक सौर सुविधा को समर्थन प्रदान करने के लिए एक साझा ग्रिड स्थापित करने में शामिल हो सकते हैं.
PM मोदी ने कहा, "मेरा मानना है कि जलवायु कार्रवाई समानता, जलवायु न्याय, साझा दायित्वों और साझा क्षमताओं पर आधारित होनी चाहिए. इन सिद्धांतों का पालन करके, हम एक स्थायी भविष्य की ओर एक रास्ता बना सकते हैं जो किसी को भी पीछे नहीं छोड़ेगा."
COP का मतलब "कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज" है. COP28 जलवायु को लेकर संयुक्त राष्ट्र की 28वीं सालाना बैठक है. इस सालाना बैठक में सरकारें इस बात पर चर्चा करती हैं कि जलवायु परिवर्तन को रोकने और भविष्य में इससे निपटने के लिए क्या तैयारियां की जाएं.
वहीं, दुबई में भारत के विशाल प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने मोदी का जोरदार स्वागत किया, जिन्होंने 'अब की बार मोदी सरकार' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए.
जानकारी के अनुसार, 30 नवंबर से दुबई में शुरू हुआ जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का 28वां संस्करण 12 दिसंबर तक चलेगा.
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