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कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लगाए गए 21 दिनों के लॉकडाउन में जरूरी सेवाओं को छूट दी गई है. इसमें दवाइयां भी शामिल हैं. हालांकि, खबरें आईं कि लोगों को अस्पताल जाने से लेकर दवाइयां मिलने में परेशानी हो रही है. अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं, या आपका कोई जानने वाला दूसरे शहर में फंसा है और आप उस तक दवाई पहुंचाना चाहते हैं, तो जानिए ये कैसे मुमकिन है.
क्या आसपास की केमिस्ट की दुकान खुली होगी?
ये खुली होनी चाहिए. गृह मंत्रालय की गाइडलाइन्स के मुताबिक, दवाइयां जरूरी सामान में आती हैं. इसलिए आपके पास की दवाई की दुकान खुली होनी चाहिए. कई केमिस्ट और फार्मेसी दुकानों के मालिकों के साथ हैरेसमेंट की खबरें आ रही हैं, जिसके कारण हो सकता है कि आपके इलाके की दुकान खुली न हो. 28 मार्च, 2020 को, ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (AICOD) ने राज्य सरकारों को पुलिस के बर्ताव को लेकर एक लेटर लिखा था और कहा कि था कि वो दुकानों को 24X7 खुला नहीं रख पा रहे हैं.
क्या दवाइयां घर मंगाई जा सकती हैं?
अपने घर के पास की केमिस्ट की दुकानों के अलावा, ऐसे कई हेल्पलाइन नंबर्स हैं. जो दवाइयां घर डिलीवर कर रहे हैं.
मैं दूर सरकारी अस्पताल से दवाई खरीदता हूं. क्या मुझे कर्फ्यू पास मिलेगा?
गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, दवाई खरीदने के लिए कर्फ्यू पास की अनुमति है.
आप यहां पर कर्फ्यू पास और इसे कैसे लें, पढ़ सकते हैं.
केमिस्ट की दुकानों पर दवाइयों की कमी क्यों हो रही है?
प्रैक्टो, 1MG जैसी ई-फार्मेसी कंपनियां सप्लाई में परेशानी और डिलीवरी पर्सन में कमी का सामना कर रही हैं.
Livemint से बात करते हुए, MyUpchar के को-फाउंडर और सीईओ रजत गर्ग ने कहा कि “डिलीवरी वाले अधिकतर लोग अपने गांव के लिए निकल गए हैं और वो उपलब्ध नहीं हैं. दिल्ली में, 75% स्टाफ वापस आ गया है, लखनऊ में 30%.”
पैनिक में आ कर दवाइयां खरीद रहे लोग भी एक समस्या हैं. इससे दवाई की दुकानों की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है. Outlook India की रिपोर्ट में, ऑल इंडिया ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष, राजीव सिंघल ने कहा, “पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और गुवाहटी के आगे उत्तर-पूर्वी राज्य डायबिटीज, कार्डिएक, रेस्पिरेट्री और कैंसर समेत कई बीमारियों की दवाई की कमी झेल रहे हैं.” इन सभी कारणों से ऐसा हो सकता है कि आपके आसपास की दवाई की दुकानों में दवाई नहीं मिल रही हो या उसकी कमी हो.
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