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कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया के कई देशों में वैक्सीन बनाने का काम जारी है. भारत में भी कोरोना वैक्सीन के तीन ट्रायल चल रहे हैं, जिसमें से दो भारतीय हैं और एक ट्रायल ऑक्सफॉर्ड का है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑक्सफॉर्ड की वैक्सीन देश में बाकी दोनों कंपनियों से पहले मार्केट में आ सकती है.
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक और अहमदाबाद की Zydus Cadila कंपनी भारत में वैक्सीन के फेज-1 और फेज-2 ह्यूमन ट्रायल पर हैं. वहीं, पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के साथ ऑक्सफॉर्ड-AstraZeneca का वैक्सीन ट्रायल दोनों लोकल वैक्सीन ट्रायल से आगे है. SII ब्रिटिश की फार्मा कंपनी AstraZebeca का मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर है, जो ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन डेवलप कर रही है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरम-ऑक्सफॉर्ड का ट्रायल ह्यूमन ट्रायल (फेज 2 और 3) के एडवांस्ड स्टेज में है. 18 साल से ऊपर करीब 1600 लोगों पर ये ट्रायल किया जा रहा है. वहीं, भारत बायोटेक का Covaxin और Zydus Cadila के Zycov D ट्रायल अभी शुरुआती फेज 1 और 2 में है.
द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने तीनों डेवलपर्स से पूछा है कि किस कीमत पर उनकी वैक्सीन को उपलब्ध कराया जा सकता है. वैक्सीन प्रशासन के नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने हाल ही में कहा कि तीनों वैक्सीन ट्रायल ट्रैक पर हैं और उसे लगातार रिव्यू किया जा रहा है.
चीनी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकारी कंपनी Sinopharm की बनाई वैक्सीन दिसंबर तक मार्केट में आ सकती है. इस वैक्सीन की कीमत 1000 युआन (करीब 10 हजार रुपये) से कम बताई जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कीमत वैक्सीन के दो डोज के लिए होगी.
Sinopharm का ये वैक्सीन ट्रायल फेज-3 ह्यूमन ट्रायल में है, जो यूएई में हो रहा है. इस समय छह चीनी वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल में हैं, जिसमें से ये भी एक है.
ऑस्ट्रेलिया ने AstraZeneca के साथ वैक्सीन को लेकर डील की है. अगर इसका क्लिनिकल ट्रायल सफल रहता है, तो ऑस्ट्रेलिया को पहले वैक्सीन का एक्सेस दिया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया में ये वैक्सीन सभी नागरिकों को मुफ्त में दी जाएगी. ये भी हो सकता है कि ये वैक्सीन सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य कर दी जाए.
जॉन्स हॉपकिन्स के डेटा के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के केवल 23,989 कंफर्म केस हैं. करीब ढाई करोड़ की आबादी वाले इस देश में कोरोना वायरस से 450 लोगों की मौत हुई है.
रिपोर्टस के मुताबिक, रूस ने अपनी COVID-19 वैक्सीन 'स्पुतनिक वी' का उत्पादन शुरू कर दिया है और इसकी पहली खेप भी तैयार कर ली है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि उनके देश ने कोरोना वायरस के खिलाफ ‘स्थिर प्रतिरक्षा’ देने वाली पहली वैक्सीन विकसित कर ली है.
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