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केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों की निगरानी के लिए और उनसे संपर्क बनाए रखने के लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड लॉन्च किया है. ऑनलाइन डैशबोर्ड 'नेशनल माइग्रेशन इंफोरमेशन सिस्टम' (NIMS) पर प्रवासी मजदूरों से संबंधित डेटा अपलोड किया जाएगा, जिससे कि प्रवासी मजदूरों की सुविधाओं का ध्यान रखा जा सकेगा.
NIMS ऑनलाइन डैशबोर्ड को नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने बनाया है. इस डैशबोर्ड की देखरेख केंद्र सरकार करेगी और सीधे राज्यों से जुड़ी रहेगी.
'नेशनल माइग्रेशन इंफोरमेशन सिस्टम' एक ऑनलाइन डैशबोर्ड है, जिसके जरिए राज्यों में आवाजाही करनेवाले प्रवासी मजदूरों की निगरानी की जा सकेगी. ये सभी राज्यों के लिए अनिवार्य होगा. इस ऑनलाइन डैशबोर्ड में राज्य अपने यहां से जानेवाले और दूसरे राज्य में पहुंचने वाले प्रवासी मजदूरों की जानकारी को अपलोड करेंगे.
डैशबोर्ड में डेटा अपलोड करने के लिए एक मानक बनाया गया है. इसके अनुसार प्रवासी मजदूरों से संबंधित डेटा जैसे कि नाम, आयु, मोबाइल नंबर, कहां से चले हैं और कहां जाएंगे और यात्रा करने की तारीख और पहुंचने की तरीख जानकारी अपलोड की जाएगी. इससे ये पता चल सकेगा कि राज्य से कितने लोग कहां जा रहे हैं और कितने लोग कहां से राज्य में आ रहे हैं. मोबाइल नंबर से कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों से संपर्क किया जा सकेगा और उनके मूवमेंट की निगरानी की जा सकेगी.
हर प्रवासी के लिए एक विशिष्ट आईडी बनाई जाएगी, जिसका उपयोग सभी तरह के रिपोर्ट के लिए किया जाएगा. भारत सरकार के नोडल मंत्रालय भी इस पोर्टल पर प्रवासियों की आवाजाही की निगरानी कर सकते हैं.
बता दें, इससे पहले गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों को ये सुनिश्चित करने को कहा था कि, उनके राज्य में कोई मजदूर पैदल घर की ओर न जाएं. अगर ऐसे मजदूर दिखे तो उन्हें फौरन नजदीकी सेल्टर होम में ले जाया जाए और उनके खाने-पीने की व्यवस्था करें. इसके साथ ही कहा गया कि ये राज्य की जिम्मेदारी है कि उन्हें घर तक पहुंचाया जाए.
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