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लॉकडाउन 4.0 कुछ विशेष शर्तों के साथ सोमवार से शुरू होने वाला है. यह उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान ऑटो-रिक्शा की आवाजाही शुरू हो जाएगी, शॉपिंग मॉल खुल जाएंगे और घरेलू उड़ानें भी शुरू हो सकती हैं.
कोविड-19 संकट से पार पाने के लिए देशभर में करीब दो महीनों से आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं, जिससे अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है. आगामी सप्ताह से अगर कुछ क्षेत्रों को फिर से कार्य संचालित करने की मंजूरी मिल जाती है तो इससे अर्थव्यवस्था को कुछ सहारा जरूर मिल जाएगा.
मेट्रो, बस सेवा, नाई की दुकानें, रेस्तरां, स्थानीय बाजार और घरेलू उपकरण मरम्मत की दुकानों को चौथे चरण के बंद के दौरान नए दिशानिर्देशों के तहत ग्रीन व ऑरेंज क्षेत्रों में काफी आराम से अनुमति दी जा सकती है, जो एक बार फिर 14 दिनों के लिए विस्तारित हो सकता है.
हालांकि रेड जोन में शनिवार शाम या रविवार तक घोषित किए जाने वाले नए दिशानिर्देशों में कोई ढील नहीं होगी, लेकिन कंटेनमेंट जोन में कुछ विशिष्टताओं की संभावना है. कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए तीन चरणों में 54 दिनों का राष्ट्रव्यापी बंद 17 मई को समाप्त होने वाला है.
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सलाहकार पी. के. मिश्रा के साथ ही कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ समन्वय के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को इस संबंध में मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद गृह मंत्रालय की शनिवार को भी एक बैठक होने जा रही है.
कई राज्यों ने मई के अंत तक बंद जारी रखने की सलाह दी है. गृह मंत्रालय, जो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम (एनडीएमए) के तहत लॉकडाउन उपायों की घोषणा करता है, निर्णय लेने के लिए प्राप्त विचारों पर विचार कर रहा है.
एक सूत्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर अधिकांश राज्यों ने शुक्रवार तक लॉकडाउन विस्तार पर अपने विचार साझा किए थे, ताकि गृह मंत्रालय पूरी तरह से अलग लॉकडाउन उपायों के साथ सामने आ सके.
सूत्र ने कहा, हालांकि कुछ राज्यों ने जहां लॉकडाउन के विस्तार का समर्थन किया है, वहीं अधिकांश ने प्रतिबंधों में ढील देने के साथ-साथ रेड, ग्रीन, ऑरेंज जोन के रूप में क्षेत्रों के सीमांकन का निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता के लिए कहा है, जो अब तक केंद्र द्वारा निर्धारित किया गया है.
महाराष्ट्र चाहता है कि मुंबई, पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद और मालेगांव जैसे विभिन्न शहरों में 31 मई तक सख्त लॉकडाउन के उपाय किए जाएं, ताकि मामलों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण किया जा सके. दरअसल महाराष्ट्र में सबसे अधिक कोरोनोवायरस मामले सामने हैं और वायरस से काफी मौतें हो चुकी हैं.
कोविड-19 मामलों में शीर्ष तीन राज्यों में शामिल गुजरात ने एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में आर्थिक गतिविधि का हवाला देते हुए प्रमुख शहरी केंद्रों में आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू करने की इच्छा व्यक्त की है, क्योंकि अब लोग घातक बीमारी के डर से और घर बैठे नहीं रह सकते.
गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार के सुझावों पर भी विचार कर रहा है, जिसमें बाजार खोलने, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बसों के संचालन और मेट्रो सेवाओं को सख्त सामाजिक दूरी जैसे मानदंडों के साथ प्रस्तावित किया गया है.
सरकार के सूत्रों ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण गतिविधियों को फिर से शुरू करने और दिल्ली में मजदूरों की आवाजाही को अनुमति देने का फैसला किया है.
राष्ट्रीय राजधानी के पड़ोसी राज्य हरियाणा ने बंद के विस्तार का समर्थन किया है. साथ ही प्रदेश ने यह भी कहा है कि राज्यों को कौन सी गतिविधि शुरू करनी है और कौन सी नहीं, इसका अधिकार भी दिया जाना चाहिए, ताकि वह स्थिति को देखते हुए फैसला ले सके.
बिहार, झारखंड, ओडिशा ने केंद्र से इस महीने के अंत तक बंद लागू रखने की बात कही है. साथ ही यह भी कहा है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए भी प्रयास किए जाएं.
वहीं तमिलनाडु ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए प्रतिबंधों में ढील देने की राय व्यक्त की है, लेकिन यह 31 मई तक हवाई और ट्रेन सेवाएं खोलने के खिलाफ है. क्योंकि राज्य में कोरोनावायरस के मामलों की संख्या 10,000 से अधिक है, जो कोरोना मामलों में शीर्ष के राज्यों में बना हुआ है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने बंद के विस्तार करने के गृह मंत्रालय के फैसले का समर्थन करने का फैसला किया है, लेकिन प्रदेश सरकार चाहती है कि राज्यों को अपने क्षेत्रों में छूट पर निर्णय लेने की अनुमति दी जाए.
गृह मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी की नवीनतम घोषणा के अनुरूप एक दिशानिर्देश के साथ काम करने के लिए तैयारी कर रहा है. मोदी ने हाल ही में घोषणा की थी कि राष्ट्रव्यापी बंद को 18 मई के बाद विस्तार दिया जाएगा, जो कि एक नए अवतार में होगा, जिसमें पूरी तरह से नए नियम निर्धारित किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने 24 मार्च को कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी. इस वायरस की चपेट में आकर अभी तक देशभर में 2,752 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और लगभग 86,000 लोग संक्रमित हो चुके हैं.
(इनपुट-IANS)
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