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कोरोना वायरस, एक ऐसी महामारी है जिसने दुनियाभर के लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. भारत में भी ये महामारी लगातार पैर पसारती दिख रही है. ऐसे में सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए कुछ दवाओं को मंजूरी दी है. जिनमें से एक फार्मा कंपनी Hetero का एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर भी है. भारत में इस दवा को COVIFOR के नाम से बेचा जाएगा. अब राहत की खबर ये है कि इस दवा की पहली खेप देश के 5 राज्यों तक पहुंच चुकी है.
भारतीय फार्मा कंपनी Hetero की इस दवा को 13 जून को सरकार से इजाजत मिली थी. जिसके बाद कंपनी ने इसका प्रोडक्शन शुरू किया.
हेटेरो हेल्थकेयर लिमिटेड के एमडी श्रीनिवासा रेड्डी ने इस दवा की पहली खेप जारी होने के बाद कहा कि, “कोविफोर रेमडेसिवीर की पहली जेनरिक ब्रांड है. जिससे कोरोना मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी. कोविफोर की मदद से हमें उम्मीद है कि हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज जल्द हो जाएगा. जिससे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो भार आया है उसमें कुछ राहत मिलेगी.”
उन्होंने बताया कि, “हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द ये दवा हर प्राइवेट हॉस्पिटल और सरकारी हॉस्पिटल में उपलब्ध हो.”
इस दवा को 100 एमजी की एक शीशी में बनाया गया है, जिसे मरीज को इंजेक्शन के तौर पर दिया जाएगा. दवा सिर्फ उन्हीं मरीजों को दी जाएगी जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर होंगे. यानी जिनमें कोरोना के काफी ज्यादा लक्षण हों. डॉक्टर की निगरानी में ही इस दवा को मरीज को दिया जा सकता है. कंपनी की तरफ से बताया गया है कि कोविफोर कोरोना के चलते होने वाली मौतों की दर को कम करने में मददगार साबित हो सकती है. इस दवा को प्रेग्नेंट महिलाओं और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिया जा सकता है. इसके अलावा मरीज को लीवर की समस्या नहीं होनी चाहिए.
जहां कोविफोर को उन मरीजों को दिया जाएगा जिन्हें कोरोना के चलते काफी तकलीफ हो रही है, वहीं एक दूसरी दवा को भी सरकार की तरफ से मंजूरी मिली है. ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा फवीपिराविर (फेबिफ्लू) को भी सरकार ने मंजूरी दी है. ये दवा उन मरीजों को दी जाएगी, जिनमें कम लक्षण होंगे. इस कंपनी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की तरफ से पिछले हफ्ते अप्रूवल मिला. इस दवाई की एक टैबलेट की कीमत करीब 103 रुपये तक बताई जा रही है. मरीजों को ये दवा डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही दी जा सकती है.
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