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कोरोना वायरस के इलाज के लिए Covifor नाम की दवा को मिली मंजूरी

Hetero की इस दवाई को भारत में COVIFOR के नाम से बेचा जाएगा

Published
भारत
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भारत में कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक और दवा को मंजूरी मिल गई है. COVID-19 मरीजों के इलाज के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत की फार्मा कंपनी Hetero को एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग की इजाजत दे दी है. Hetero की इस दवाई को भारत में COVIFOR के नाम से बेचा जाएगा.

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अभी कुछ दिन पहले ही, ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा, फवीपिराविर (फेबिफ्लू) को सरकार की तरफ से भी हरी झंडी मिली थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, Hetero ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन डॉ बी पार्थ सराधी रेड्डी ने कहा, "भारत में लगातार बढ़ रहे केसों के बीच, COVIFOR को अप्रुवल मिलना, पॉजिटिव रिजल्ट लाने में गेम-चेंजर हो सकता है. मजबूत क्षमताओं के आधार पर, हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि प्रोडक्ट देशभर में मरीजों को तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा."

DCGI ने रेमेडिसवीर को अस्पताल में भर्ती मरीजों, और व्यस्कों और बच्चों के सस्पेक्टेड और लैब-कंफर्म्ड केसों के इलाज के लिए मंजूरी दी है. COVIFOR दवा 100 एमजी के डोज में उपलब्ध होगी.

जून में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एंटीलायरल ड्रग रेमेडिसवीर को "इनवेस्टीगेशनल थेरेपी" में शामिल किया था.

भारत में कोरोना वायरस के केस बढ़कर 4 लाख के पार हो गए हैं. अब तक देश में COVID-19 से 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

एक और दवाई को मिली मंजूरी

ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स की दवा फवीपिराविर (फेबिफ्लू) को भी सरकार की मंजूरी मिल गई है. ये दवा उन मरीजों को दी जाएगी, जिनमें कम लक्षण होंगे.

इस कंपनी को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की तरफ से शुक्रवार को अप्रूवल मिला. इस दवाई की एक टैबलेट की कीमत करीब 103 रुपये तक बताई जा रही है. मरीजों को ये दवा डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही दी जा सकती है.

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