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COVID 19:कहीं अस्पताल सील-कहीं पूरा स्टाफ संक्रमित,खतरे में डॉक्टर
सुरक्षा किट की कमी से जूझ रहे हैं डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ
शौभिक पालित
भारत
Updated:
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सुरक्षा किट की कमी से जूझ रहे हैं डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ
(फोटो: PTI)
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कोविड 19 से लोगों को बचाने के लिए जो लोग सबसे आगे मोर्चे पर तैनात हैं, जिनको धन्यवाद कहने के लिए हमने ताली और थाली बजाई, दीए जलाए, वही लोग अब सीधे कोरोना के प्रकोप का शिकार हो रहे हैं. मुंबई, दिल्ली, पुणे, कोलकाता...एक के बाद एक खबरें आ रही हैं कि इन जगहों के अस्पताल में भारी संख्या में मेडिकल कर्मी संक्रमित हो रहे हैं.
पुणे में डॉ डीवाई पाटिल मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल 42 डॉक्टरों समेत 92 स्टाफ मेंबर्स को क्वॉरंटीन कर दिया गया है. दरअसल, इस अस्पताल में एक शख्स को एक्सीडेंट के बाद लाया गया था, वो कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया, जिसके बाद एहितातन ये कदम उठाया गया है.
डॉक्टरों के संक्रमित होने के बड़े मामले
मुंबई के वॉकहार्ट हॉस्पिटल से कोरोना के मरीजों के संपर्क में रहने से 26 नर्सों और 3 डॉक्टर खुद कोरोनावायरस की चपेट में आ गए. इसके बाद पूरे हॉस्पिटल को 'कोरोनावायरस संक्रमित क्षेत्र' घोषित कर सील कर दिया गया है.
कोलकाता के आर्मी कमांड अस्पताल में कर्नल-रैंक के एक भारतीय सेना के डॉक्टर को 29 मार्च को कोरोना संक्रमित पाया गया था.
दिल्ली में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक डॉक्टर को भी एक अप्रैल को संक्रमित होने की बात सामने आई है.
दिल्ली एम्स के एक डॉक्टर और उनकी नौ महीने की गर्भवती पत्नी को भी कोरोना संक्रमित पाया गया है.
दिल्ली सरकार के अस्पताल दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के एक डॉक्टर समेत अब तक 18 नर्सिंग स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
महाराजा अग्रसेन अस्पताल में तीन हेल्थकेयर कर्मी संक्रमित हुए हैं, इसमें से एक डॉक्टर व दो नर्स हैं.
मोहल्ला क्लिनिक के एक डॉक्टर में वायरस पहुंचा और उसकी वजह से उनकी पत्नी में भी यह वायरस पहुंचा है. उनकी पत्नी भी डॉक्टर हैं.
ये वो मामले हैं, जो सुर्खियों में आए, प्रभावित डॉक्टरों, नर्स की संख्या ज्यादा हो सकती है
राजधानी दिल्ली में 20 नर्स और 11 डॉक्टर सहित 34 हेल्थ केयर प्रोफेशनल का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है. सोमवार को ही दिल्ली में दिल्ली के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में 9 नर्सों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है
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दिल्ली में AIIMS के रेजिडेंट डॉक्टरों ने 16 मार्च को एक खत लिखकर PPE की कमी के बारे में एम्स प्रशासन को आगाह किया था.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर दिल्ली में काम कर रहीं केरल की नर्सों के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है. ऐसी ही एक चिट्ठी उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी है.
क्यों खतरे में डॉक्टर?
केंद्र सरकार ने निजी सुरक्षा उपकरण (PPE) और डायग्नॉस्टिक किट की मांग में बढ़ोतरी का अनुमान लगाते हुए बताया है कि आने वाले 2 महीनों में करीब 2 करोड़ 70 लाख N-95 मास्क, 1 करोड़ 50 लाख PPE, 16 लाख डायग्नॉस्टिक किट और 50 हजार वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी. इन्हें खरीदने को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इस बारे में अधिकारियों ने 3 अप्रैल को एक बैठक के दौरान उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को अवगत कराया. इस बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने की. अधिकारी ने बताया कि विदेश से वेंटिलेटर और अन्य PPE की खरीद के लिए विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लिया है.
क्विंट ने बिहार के डॉक्टरों का हाल भी दिखाया जहां, कोई रेन कोट पहनकर तो कोई हेलमेट पहनकर इलाज कर रहा है. एक अस्पताल में तो डॉक्टरों ने सुरक्षा किट की मांग को लेकर काम बंद करने की चेतावनी तक दी.
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ को सुरक्षा किट की कमी और उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों वाले सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. बुधवार को कोर्ट ने इस बाबत नागपुर के एक डॉक्टर जेरिल बनैत की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.
इसके अलावा अधिवक्ता अमित साहनी ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका में अस्पतालों और दूसरे स्थानों पर कोरोनावायरस से निपटने की जंग में जुटे डॉक्टरों सहित स्वास्थ्य सेवाकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के लिए आवश्यक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की कमी का मुद्दा सुलझाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध किया है.
याचिकाकर्ता ने इस याचिका में डॉक्टरों, नर्सों और सहयोगी कर्मचारियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का निर्देश देने की गुजारिश की है.
दिल्ली सरकार के लिए अच्छी खबर
दिल्ली में पीपीई किट की कमी झेल रहे डॉक्टरों के लिए अच्छी खबर आई है. केंद्र सरकार दिल्ली सरकार को 27 हजार किट भेज रही है. दिल्ली सरकार खुद भी अपने स्तर पर 1 लाख 20 हजार लाख पीपीई खरीदने का आदेश दे चुकी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेस के दौरान इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पीपीई किट होने पर डॉक्टर बेखौफ होकर कोरोना मरीजों का इलाज कर पाएंगे.