advertisement
राजस्थान (Rajasthan) के पाली जिले के बाली तहसील के बारवा गांव में रहने वाले कोविड हेल्थ सहायक जितेंद्र पाल मेघवाल की बीते मंगलवार हत्या कर दी गई. जितेंद्र पाल के परिवार के आरोपों के अनुसार जितेंद्र मेघवाल को दलित (Dalit) होते हुए गुड लुकिंग पर्सनैलिटी मैनटैन करने के लिए मार दिया गया. लेकिन पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है. मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या के आरोप में आरोपी सूरज सिंह और रमेश सिंह को बाड़मेर जिले के पचपदरा के दूदवा गांव से गुरुवार को गिरफ्तार किया है.
हत्या के बाद से जितेन्द्र पाल के परिजन धरने पर बैठ गए थे. पुलिस-प्रशासन के समझाने के बाद शुक्रवार 17 जनवरी को यह लोग पोस्टमाॅर्टम के लिए राजी हो गए. प्रशासन ने मृतक के भाई को सरकारी नौकरी देने, पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा देने और बारवा गांव में स्थाई चौकी की मांग को सीएम तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है.
हत्या को लेकर विधानसभा में बाली विधायक पुष्पेंद्र सिंह राणावत व मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह ने यह मामला उठाया. उन्होंने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने एवं परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच में तत्परता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस में दर्ज मामले के मुताबिक मृतक जितेन्द्र पाल अपने दोस्त कोविड हेल्थ सहायक हरीश कुमार के साथ मंगलवार को बाइक से बाली से बारवा जा रहा था. जितेन्द्रपाल बाइक पर पीछे बैठा था. बाली से दो किलोमीटर दूर पीछे से बाइक पर आए दो युवकों ने उन्हें रूकने के लिए आवाज लगाई. हरीश ने जैसे ही बाइक धीमी की, पीछे से आए युवक ने जितेन्द्रपाल की पीठ पर चाकू घोंप दिया. घायल होकर वह बाइक से नीचे गिर गया. उसके बाद युवक ने उसके पेट-सीने में चाकू से ताबड़तोड़ 4 वार किए. हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई.
इनपुट- पंकज सोनी
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)