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राजस्थान: चुरु में दलित के साथ मारपीट, जबरन पेशाब पिलाने का आरोप

पीड़ित का कहना है कि उसे जबरन घर से उठाकर ले गए और उसके साथ मारपीट की

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राजस्थान के चुरु जिले से एक 25 वर्षीय दलित युवक के साथ ज्यादती का मामला सामने आया है. आरोप है कि पहले युवक का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की गई, इसके बाद जबरन उसे पेशाब पिलाई गई. मामले में 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस के अनुसार 26 जनवरी की रात को चुरु के रूखसार गांव में रहने वाले राकेश मेघवाल पर कुछ लोगों ने हमला कर जबरन उसे पेशाब पीने पर मजबूर किया.

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जबरदस्ती घर से ले गए- पीड़ित

राकेश मेघवाल ने आपबीती बताते हुए कहा कि "26 जनवरी की रात वह अपने घर पर था, लगभग 11 बजे उमेश जाट नाम का व्यक्ति उसके घर आया और उसे अपने साथ चलने को कहा. राकेश ने जब उसके साथ जाने से मना किया तो बाहर खड़ी उमेश की गाड़ी से राजेश, ताराचंद, राकेश, बीरबल, अक्षय, दिनेश, और बिड़दीचंद ने गाड़ी से निकलकर उसे घेर लिया और जबरन उसका मुंह बंद कर गाड़ी में बिठाकर ले गए."

पहले पिलाई शराब फिर पेशाब

राकेश ने बताया कि राजेश और राकेश ने शराब की बोतल निकालकर उसके मना करने के बावजूद पहले उसे जबरन शराब पिलाई और जब शराब की बोतल खाली हो गई तो राकेश, राजेश, उमेश अक्षय, दिनेश, बीरबल, बिड़दीचंद, ताराचंद ने उसी बोतल में बारी-बारी पेशाब किया और उसे जबरदस्ती पिलाई. उसके बाद उन लोगों ने उसे जाट समुदाय का प्रतिरोध करने पर सबक सिखाने की बात कह राकेश मेघवाल जतिसूचक गालियां भी दीं.

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मरा समझकर छोड़ गए

पीड़ित राकेश मेघवाल ने बताया कि सब लोगों द्वारा करीब आधे घंटे तक उसे लाठी- रस्सी से पीटा गया, उसके बाद वह बेहोश हो गया तो उन लोगों ने मेघवाल को मरा समझ वहीं छोड़ दिया. राकेश मेघवाल के पूरे शरीर पर चोट के निशान बने हुए हैं जो उस रात का दर्द बयां करते हैं.

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पुलिस ने सभी आरोपियों उमेश, राजेश, ताराचंद, बीरबल, राकेश, बिदादी चंद, राकेश और अक्षय के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली है. जो आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी सभा), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा 365 (अपहरण), के तहत मामला दर्ज कर लिया है. एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 से सम्बंधित धाराओं के साथ साथ धारा 382 भी आरोपियों पर लगाई गई है.

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