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दानिश सिद्दीकी के शरीर पर थे गोलियों और टायर के निशान - रिपोर्ट

तालिबान Danish Siddiqui की हत्या में हाथ होने से इनकार करता रहा है.

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<div class="paragraphs"><p>फोटो जर्नलिस्ट Danish Siddiqui की अफगानिस्तान में मौत</p></div>
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फोटो जर्नलिस्ट Danish Siddiqui की अफगानिस्तान में मौत

(फोटो: PTI)

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पुलित्जर प्राइज विजेता भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी (Danish Siddiqui) की मौत को लेकर एक नई रिपोर्ट में सामने आया है कि उनके शरीर को क्षत विक्षत किया गया था. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से ये बात कही है. रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान की कस्टडी में शरीर को चोट पहुंचाई गई, और उनकी छाती और चेहरे पर टायर के भी निशान थे.

रॉयटर्स के फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी अफगानिस्तान में एक असाइनमेंट पर थे, जब 16 जुलाई को अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान के बीच गोलीबारी में उनकी मौत हो गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, घटनास्थल से शुरुआती तस्वीरों में सिद्दीकी के शरीर पर कई घाव दिखाई दे रहे थे. शाम को शव जब रेड क्रॉस को सौंपा गया और कंधार के अस्पताल में ले जाया गया, तो देखा गया कि शव क्षत विक्षत था. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने दो भारतीय अधिकारियों और अफगानिस्तान के दो अधिकारियों के हवाले से ये बताया है.

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई तस्वीरों की समीक्षा की, जिनमें से कुछ भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई थीं और दूसरी अस्पताल में अफगान हेल्थ केयर वर्कर्स ने ली गई थीं. इन तस्वीरों में देखा गया कि सिद्दीकी का शरीर क्षत-विक्षत किया गया था.

रिपोर्ट में, एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि शरीर पर लगभग एक दर्जन गोलियों के घाव थे, और सिद्दीकी के चेहरे और छाती पर टायर के निशान थे.
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'तालिबान ने सिद्दीकी की बेहरमी से हत्या की'

इससे पहले, एक रिपोर्ट में सामने आया था कि सिद्दीकी साधारण गोलीबारी में नहीं मारे गए, बल्कि तालिबान ने उनकी पहचान कर बेरहमी से हत्या की थी. लेखक माइकल रुबिन ने अमेरिकी पत्रिका वाशिंगटन एक्जामिनर में ये दावा किया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब वो सीमा शुल्क चौकी के एक-तिहाई मील के भीतर पहुंच गए, तो तालिबान के हमले से टीम विभाजित हो गई और इस दौरान कमांडर और कुछ लोग सिद्दीकी से अलग हो गए.

इस हमले के दौरान सिद्दीकी को छर्रे लगे, जिसके बाद वो और उनकी टीम एक स्थानीय मस्जिद में गए. वहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही ये खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है, तालिबान ने हमला कर दिया. स्थानीय जांच से पता चलता है कि तालिबान ने सिद्दीकी की मौजूदगी के कारण ही मस्जिद पर हमला किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्दीकी जिंदा थे और तालिबान ने उन्हें पकड़ लिया था. तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला.

तालिबान दानिश सिद्दीकी की हत्या में हाथ होने से इनकार करता रहा है. सिद्दीकी की मौत पर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने CNN-News18 से कहा था, "हमें नहीं पता कि किसकी फायरिंग के दौरान पत्रकार की मौत हुई है. हम नहीं जानते कि उनकी मौत कैसे हुई."

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