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पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने एक फेसबुक लाइव में दावा किया कि उन्होंने और कुछ प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहाराया. सिद्धू ने कहा, “हमने विरोध जताने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए लाल किले पर केवल निशान साहिब का झंडा फहराया है.”
सिद्धू ने कहा कि उन लोगों ने निशान साहिब और किसान झंडा लगाया गया और वहां किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया. उन्होंने अपने लाइव में कहा कि जिस पोस्ट पर झंडा लगाया, वहां कोई झंडा नहीं था. उन्होंने कहा कि किसी ने वहां से भड़काने वाली बात नहीं की.
सिद्धू ने कहा कि प्रदर्शन के कारण लोगों का गुस्सा भड़क गया और इसके लिए किसी भी एक शख्स को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
भारतीय किसान यूनियन नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि दीप सिद्धू की सरकार के साथ मिलीभगत है और दीप ही प्रदर्शनकारियों को लाल किले पर लेकर गए थे. किसान संगठनों की तरफ से आयोजित ट्रैक्टर परेड में लाल किले पर जाने का किसी तरह का कार्यक्रम नहीं था.
बीकेयू (दकौंदा) अध्यक्ष बूता सिंह बुर्जगिल ने सिद्धू की आलोचना करते हुए कहा कि ये किसान आंदोलन है और कुछ लोग इसे धार्मिक बनाना चाह रहे हैं. उन्होंने कहा, “दीप सिद्धू ने जो आज किया, हम उसकी निंदा करते हैं. हमें लगता है वो सरकार का कठपुतली है और प्रदर्शनकारियों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है. वो किसान नेताओं के खिलाफ बोल रहा है और लोगों को उनके खिलाफ भड़का रहा है. उसने आज जो किया वो निंदनीय है. हमारा लाल किला जाने का कोई प्लान नहीं था, उसने युवाओं को भड़काया और उन्हें रिंग रोड बोलकर लाल किले की तरफ ले गया.”
सोशल मीडिया पर सिद्धू के बीजेपी से संबंध होने की भी बात सामने आ रही है. कांग्रेस और AAP के सदस्यों ने ट्विटर पर दावा किया है कि सिद्धू बीजेपी के करीब है.
गुरदासपुर के सांसद और बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल के करीबी माने जाने वाले सिद्धू 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजोपी नेता के लिए चुनाव प्रभारी थे. पिछले साल दिसंबर में देओल ने सिद्धू से दूरी बना ली थी.
लाल किले पर हुई हिंसा के बाद सनी देओल ने एक ट्वीट में साफ किया कि उनका सिद्धू से कोई संबंध नहीं है.
सनी देओल ने लिखा, “आज लाल किले पर जो हुआ उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है, मैं पहले भी, 6 दिसंबर को ट्विटर के माध्यम से यह साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है.”
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