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दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) ने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी दिल्ली में सभी प्रकार पटाखों के भंडारण, बिक्री और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध(Ban) लगाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind kejriwal) ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके. मुख्यमंत्री ने सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए पटाखों का किसी भी तरह का भंडारण न करें.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर बेहद गंभीर है. प्रदूष्ण को नियंत्रित करने के लिए सरकार 10 फोकस बिंदुओं पर आधारित विंटर एक्शन प्लान बना रही है. आगामी दिनों में विंटर एक्शन प्लान के अनुसार विभिन्न गतिविधियां की जाएंगी, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. उन्होंने दिल्ली निवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी.
दिल्ली सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) द्वारा 01 दिसंबर 2020 को जारी एक निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब या बहुत खराब की श्रेणी में है, वहां पर एनजीटी ने कोविड-19 महामारी के दौरान पटाखों के भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा एकत्र किए गए पिछले तीन साल के आंकड़े यह बताते हैं कि हवा की गुणवत्ता के मामले में दिल्ली खराब और उससे उपर के प्रदूषण सूचकांक में शामिल है.
वहीं, कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है.आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है. पिछले साल दिल्ली के अलावा राजस्थान, उड़ीसा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल और चंडीगढ़ ने पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था. जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 जिलों में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया था.
पिछले साल, दिल्ली सरकार ने कोरोना के मद्देनजर 06 नवंबर 2020 को दिल्ली में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था. यह निर्णय दिवाली से ठीक पहले लिया गया था. लेकिन दिल्ली पुलिस ने व्यापारियों और डीलरों को पटाखों की बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस पहले ही जारी कर दिए थे. इससे व्यापारियों और डीलरों को नुकसान हुआ. साथ ही, दिल्ली में पटाखों की आसानी से उपलब्धता के कारण लोगों द्वारा पटाखे फोड़ने की कई घटनाएं सामने आईं.
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