advertisement
दिल्ली के कंझावला केस (Kanjhawala Case) में केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद लापरवाही बरतने के आरोप में शुक्रवार, 13 जनवरी को 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एक दिन पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा को उन तीन PCR वैन और रास्ते में आने वाले दो नाके पर तैनात पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था, जहां 20 साल की पीड़िता को नए साल के पहले दिन कार के नीचे घसीट कर मार डाला गया था.
सस्पेंड किए गए सभी पुलिसकर्मी रोहिणी जिला पुलिस से हैं. इसके अंदर ही कंझावला इलाका आता है, जहां यह भयानक घटना हुई थी.
गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को दुर्घटना के दिन कानून व्यवस्था की स्तिथि के बारे में क्षेत्र के डीसीपी से भी स्पष्टीकरण मांगने के लिए भी कहा है और ढिलाई पर उनके खिलाफ भी उचित कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है.
गुजरात में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की एक टीम ने गुरुवार को यहां सुल्तानपुरी इलाके में घटनास्थल का दौरा किया और क्राइम सीन को रीक्रिएट किया.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने जानकारी दी कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम ने क्राइम सीन को एक लड़की की मदद से रीक्रिएट, और समझने की कोशिश की कि पीड़िता 1 जनवरी को स्कूटर की टक्कर के बाद महिला कार के नीचे कैसे फंस गई होगी.
मामले में प्रत्यक्ष रूप से आरोपियों, जो कथित रूप से नशे में थे, पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से गाड़ी चलाने और लापरवाही से मौत का आरोप लगाया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)