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"अतहर का फोन आया था बता रहा था कि देवड़ी जेल में टॉर्चर किया है तलाशी के दौरान मुझसे बदतमीजी की गई मुझे आतंकवादी, मुल्ला कहा ऐसे शब्द जिन्हें जुबान से लेना भी ठीक नहीं है." ये कहना है अफजल खान का.
अफजल खान दिल्ली दंगे के आरोपी अतहर खान के पिता हैं. अतहर खान UAPA के तहत जेल में बंद है.
बता दें कि जिस दिन दिल्ली में हिंसा भड़की उससे ठीक एक दिन पहले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें कपिल मिश्रा ने पुलिस अधिकारी से कहा था, "डीसीपी साहब हमारे सामने खड़े हैं मैं आप सबकी तरफ से ये बात कह रहा हूं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जाने तक तो हम लोग शांति से जा रहे हैं. लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे अगर रास्ते खाली नहीं होंगे तो हम खाली करवाएगें."
अतहर के पिता अफजल खान कहते हैं, ''अतहर आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता था और कपिल मिश्रा का साथी था, कपिल मिश्रा ने पिछला चुनाव जो जीता था उसमें अतहर का अहम रोल था, इस बार जब चुनाव हुए अतहर को कपिल मिश्रा का फोन आया था तो अतहर ने उसे मना कर दिया. जब दंगा भड़का तब उसके दो दिन बाद कपिल मिश्रा ने अतहर की पुरानी फोटो को ट्वीट किया और कहा कि ये चांदबाग का लड़का दंगा कराने का मास्टर माइंड है, कपिल मिश्रा ने अतहर से बदला लिया है."
अतहर के परिवार का कहना है कि अतहर को 2 जुलाई 2020 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने जांच के लिए बुलाया था. वहीं से उनके पास कॉल आया कि अतहर को रोक लिया गया है. लेकिन दो दिन बाद न्यूज में हेडलाइन आई कि तीन जुलाई को अतहर को चांदबाग में उनके घर से गिरफ्तार किया गया है.
अतहर के परिवार का कहना है कि अतहर तो खुद पेश हुआ था जांच के लिए फिर पुलिस ने कौन से घर से गिरफ्तार कर लिया? जाहिर बात है पुलिस ने झूठ फैलाया है.
जब हमने अतहर के परिवार से सवाल पूछा कि अतहर या छात्र नेता उमर खालिद की बात करते हैं तो उन्हें देशद्रोही समझते हैं ऐसे में आप लोग क्या सोचते हैं. तब अतहर के पिता ने जवाब दिया कि मेरा बेटा देशप्रेमी है, यही असली देश प्रेम है. जो इनको देशद्रोही समझते हैं वो अकल के कम हैं.
अतहर के पिता अपने समाज से भी नाराज हैं. वो कहते हैं, "समाज से शिकायत है कि अतहर के गिरफ्तार होने के बाद से समाज मुर्दा सा हो गया. समाज के ऐहसासात मर गए हैं. मुझे लगता है ये सब डर की वजह से हुआ है. हमारे रिश्तेदार हमारे पास आने को तैयार नहीं, पूछने को तैयार नहीं, कई रिश्तेदारों ने तो हमारा फोन नंबर ब्लॉक कर दिया. शायद इसी डर से कि कहीं हम भी गिरफ्तार न हो जाए. ये तो सब जानते हैं कि आंदोलन को खत्म करने के लिए किस तरह से दंगे कराए गए, किस ने भड़काऊ भाषण दिए."
अफजल खान आगे कहते हैं कि मेरा कारोबार हिंदुओं के साथ ही रहा है. और बहुत से हिंदू मेरे करीबी रहे हैं सबको छोड़कर सिर्फ एक के साथ मेरी बातचीत होती है. बाकी कोई मुझसे बात नहीं करता शायद उनके दिमाग में यही बैठा दिया गया है कि हम लोग देश के गद्दार हैं एक बच्चा यहीं मुहल्ले में रहता है वो दूसरे बच्चे से कह रहा था कि हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे तो एक छोटा बच्चा दूसरे मुस्लिम बच्चे से कहता है कि तुम क्यों मनाओगे स्वतंत्रता दिवस तुम्हारा मुल्क थोड़े ही है तुम तो पाकिस्तानी हो जब छोटे बच्चों के दिल में ये बात आ गई तो बड़ों के दिल में क्या होगा.
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