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पानी की कमी से जूझते राजस्थान (Rajasthan) के लिए 'ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट' (Eastern Canal project) बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है. राजस्थान के 13 जिलों को पानी उपलब्ध करवाने वाली इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया तो सियासत गर्मा गई है. केन्द्रीय जनशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा है. दोनों के बीच तीखे बयानबाजी का दौर जारी है.
मध्यप्रदेश से आने वाले चंबल के पानी के भरोसे प्रोजेक्ट की परिकल्पना वसुंधरा राजे सरकार में हुई थी. प्रोजेक्ट की लागत हजारों करोड़ होने के कारण इस प्रोजेक्ट को नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय योजना में शामिल करने की मांग की गई थी. अब मुख्यमंत्री गहलोत भी इसी मांग को दोहरा रहे है.
अशोक गहलोत ने खुद सोशल मीडिया पर' #ERCP_नेशनल प्रोजेक्ट बनाओ' अभियान की शुरुआत कर दी है. सरकार का दावा है कि प्रोजेक्ट के पूरा होने पर इससे 2051 तक न केवल इस इलाके की जनता की प्यास बुझेगी, बल्कि खेतों में सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा.
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि, हमारी सरकार की योजना हैं. 3 साल चुप रहने के बाद एकाएक मुख्यमंत्री को याद आई है.
इस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना पर मध्य प्रदेश ने NOC का ब्रेक लगाया हुआ है. कमलनाथ सरकार के समय परियोजना की NOC को रोका गया था. मध्यप्रदेश ने राजस्थान के प्रोजेक्ट पर यह कह कर आपत्ति जताई हुई है कि भेजा गया प्रस्ताव भारत सरकार की अंतरराज्जीय नदियों की गाइडलाइंस के अनुसार नहीं है. गाइडलाइंस के अनुसार 75 प्रतिशत निर्भरता पर योजना बनाई जानी थी, लेकिन राजस्थान ने 50 प्रतिशत निर्भरता की प्लानिंग भेजी हुई है. इस पेंच के चलते यह मामला अंतरराज्यीय विवाद का बन रहा है.
दक्षिणी पूर्वी राजस्थान में बारिश के समय बाढ़ की वजह बनने वाली कालीसिंध, पार्वती, मेज और चाकन नदियों का सरप्लस पानी कैनाल के जरिए लाया जाएगा. प्रोजेक्ट में चंबल नदी से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी. चंबल के ऊपर एक्वाडक्ट बनाकर पानी लाने के बजाय सरकार ने चंबल के नीचे जल सुरंग बनाकर कैनाल मार्ग को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना है. रास्ते में जिस भी नदी और बांध में पानी की कमी होगी उसमें जरूरत के मुताबिक पानी पहुंचाया जाएगा.
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट की DPR वसुंधरा राजे सरकार में 19 सितंबर 2017 को केंद्रीय जल आयोग को भेजी गई थी. तब ही से इस योजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में शामिल करने की मांग चल रही है.
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना अन्तर्गत नौनेरा (नवनेरा) बैराज के निर्माण 615.90 करोड़ खर्च किया जा चुका है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2022-23 के तहत नवनेरा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक, महलपुर बैराज एवं रामगढ़ बैराज के लिए 9600 करोड़ का काम प्रस्तावित है. साथ ही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना निगम का गठित भी प्रस्तावित है.
इनपुट- पंकज सोनी
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