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बुली बाई एप और महिला पत्रकारों के ऑनलाइन उत्पीड़न पर एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने "कहा कि "यह सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का उपहास है, और कानून का उल्लंघन है”.

Published
भारत
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महिला पत्रकारों समेत मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन उत्पीड़न, ट्रोलिंग और यौन शोषण की धमकी के बढ़ते मामले को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने आज एक बयान जारी कर नाराजगी जाहिर की है. गिल्ड ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.

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बता दें कि द वायर ने अपनी हालिया इंवेस्टिगेशन में दावा किया है कि Tek Fog नाम के एक ऐप ने साइबर वर्ल्ड में नफरत फैलाने और सोशल मीडिया ट्रेंड्स से छेड़छाड़ करने में बीजेपी की मदद की है. साथ ही ये भी कहा गया है कि इस एप के जरिये बीजेपी की आलोचना करने वाले पत्रकारों को ऑनलाइन प्रताड़ित भी किया जाता है.

एडिटर्स गिल्ड ने बताया कि महिला पत्रकारों में डर पैदा करने" और "उन्हें स्वतंत्र रूप से अपनी बात कहने से रोकने के लिए" कई महिला पत्रकारों को हजारों अपमानजनक ट्वीट्स किए गए हैं.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने देश में "महिला पत्रकारों के लगातार ऑनलाइन उत्पीड़न" की निंदा करते हुए कहा कि "यह सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का उपहास है, और कानून का उल्लंघन है”. गिल्ड ने नरेंद्र मोदी सरकार से "इस गलत और अपमानजनक डिजिटल इको-सिस्टम को तोड़ने और खत्म करने के लिए" तत्काल कदम उठाने की मांग की है.

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मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के खिलाफ हो कार्रवाई

हाल ही में सुल्ली डील्स और बुल्ली बाई एप के जरिए मुस्लिम महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी के मामले पर भी एडिटर्स गिल्ड ने कार्रवाई की अपील की है. एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि GitHub प्लेटफॉर्म के जरिए सरकार की आलोचना करने वाली पत्रकारों की निलामी की बात हुई है. हालांकि सरकारी एजेंसियों ने इन एप्स ऐप्स के पीछे के लोगों को गिरफ्तार किया है, फिर भी इस मामले में जांच की आवश्यकता है.

बयान के आखिर में कहा गया है, "एडिटर्स गिल्ड की मांग है कि सरकार इस गलत और अपमानजनक डिजिटल इको-सिस्टम को तोड़ने और खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए. साथ ही टेक फ़ॉग एप मामले में सत्ता पक्ष से जुड़े कुछ अहम लोगों पर आरोप है, ऐसे में गिल्ड की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट मामले का संज्ञान ले और इसके जांच का आदेश दे”.

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