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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल का इस्तीफा, अब 3 में से 2 पद खाली

इससे पहले फरवरी में चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडे का भी कार्यकाल खत्म हो गया था जिसके बाद वे रिटायर हो गए थे.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>चुनाव आयोग के दूसरे इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल का इस्तीफा, नियुक्ति पर हुआ था विवाद</p></div>
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चुनाव आयोग के दूसरे इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल का इस्तीफा, नियुक्ति पर हुआ था विवाद

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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आगामी लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) से पहले ही चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) अरुण गोयल (Arun Goyal Resigns) ने शनिवार, 9 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कार्यकाल 2027 तक का बचा हुआ था. गोयल का इस्तीफा ऐसे समय में आया जब लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की संभावना है.

बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. कानून की धारा 11 के खंड (1) के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त, किसी भी समय, राष्ट्रपति को लिखित रूप में देकर अपने पद से इस्तीफा दे सकता है.

इससे पहले फरवरी में चुनाव आयुक्त अनुप चंद्र पांडे का भी कार्यकाल खत्म हो गया था जिसके बाद वे रिटायर हो गए थे. इसका मतलब कमीशन के पैनल में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही रह गए हैं. दो पदों को कब भरा जाएगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है.

लोकसभा चुनाव के अलावा, चुनाव आयोग को आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में राज्य चुनाव भी कराने होंगे.

कौन हैं अरुण गोयल?

चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, अरुण गोयल ने अपना कार्यभार 21 नवंबर, 2022 को संभाला था. वे 1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस हैं. आईएएस की 37 वर्षों से अधिक की सेवा के बाद उन्होंने भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव पद से रिटायरमेंट के कुछ दिन पहले ही वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ली थी.

  • भारी उद्योग मंत्रालय के दौरान उन्होंने ऑटो इंडस्ट्री के लिए चर्चित प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम लागू की थी.

  • इससे पहले गोयल भारत सरकार में, संस्कृति मंत्रालय के सचिव भी रह चुके हैं. वे दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव भीि रह चुके हैं.

  • वह लुधियाना जिले (1995-2000) और बठिंडा जिले (1993-94) के जिला चुनाव अधिकारी भी थे, जहां उन्होंने विभिन्न लोकसभा और विधानसभा चुनावों को संचालित किया था.

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चुनाव आयोग में गोयल की नियुक्ति पर हुआ था विवाद 

सुप्रीम कोर्ट ने IAS ऑफिसर अरुण गोयल को चुनाव आयुक्त नियुक्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था.

दरअसल, ये सवाल इसलिए उठा क्योंकि Union Ministry of Heavy Industries में सेक्रेट्री अरुण गोयल ने अपने रिटायरमेंट से कुछ ही दिन पहले 18 नवंबर 2022 को वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ली, एक ही दिन में कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल को मंजूरी दे दी, चार नामों की लिस्ट प्रधानमंत्री के सामने पेश की गयी, पीएम ने गोयल के नाम को सिलेक्ट भी कर लिया, गोयल के नाम को 24 घंटे के अंदर राष्ट्रपति से मंजूरी भी मिल गयी और गोयल ने नए चुनाव आयुक्त के रूप में 21 नवंबर 2022 को कार्यभार भी संभाल लिया.

अब कैसे होगी चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति?

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब हाल ही में पारित हुए नए कानून से होगी. चुनाव आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री की समिति मिल कर करेगी. वर्तमान में पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और एक केंद्रीय मंत्री की समिति चुनाव आयुक्त का चयन करेगी.

इससे पहले, चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति पूरी तरह से सरकार सीधे तौर पर अपने विवेक के अनुसार करती थी.

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