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अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के एक महीने बाद ही सितंबर 2019 में ऐपको इंफ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड (APCO Infratech Private Limited) को जम्मू-कश्मीर में मेगा टनल प्रोटेक्ट के निर्माण का टेंडर मिला. इस कंपनी ने 10 करोड़ का चुनावी चंदा (Electoral Bonds) बीजेपी (BJP) को 15 जनवरी 2020 को दिया और ठीक उसके दो दिन बाद उन्होंने टेंडर पर आधिकारिक रूप से साइन किया.
17 जनवरी को पीटीआई (PTI) ने लिखा: "सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह की उपस्थिति में राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (NHIDCL) और APCO अमरनाथजी टनलवे के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए"
हालांकि, उन्हें 17 दिसंबर 2019 को परियोजना के लिए प्राधिकरण पत्र (LoA) मिला.
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 21 मार्च को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को अल्फान्यूमेरिक नंबरों सहित चुनाव बॉन्ड के सभी डेटा सौंपा दिया. जिसके बाद क्विंट ने इन सभी जानकारी को जुटाया है.
आप चुनावी बॉन्ड पर हमारी सभी रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं.
पर हमारे पास इसके चंदे की क्या जानकारी है? यह नीचे दर्ज है...
15 जनवरी 2020 को कंपनी ने 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. इसे बीजेपी ने 21 जनवरी 2020 को भुनाया.
10 जनवरी 2022 को कंपनी ने और 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे. इसे बीजेपी ने 17 जनवरी 2022 को भुनाया.
12 अक्टूबर 2023 को, कंपनी ने 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड की आखिरी किश्त खरीदी और बीजेपी ने 19 अक्टूबर 2023 को इसे भुना लिया.
कंपनी का मुख्यालय लखनऊ में है, कंपनी का ऑपरेशन ऑफिस गुरुग्राम में है. कंपनी "राजमार्ग, ऊर्जा, सुरंग, सिंचाई, शहरी बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास" जैसे क्षेत्रों में काम करती है.
दरअसल, APCO ने अपनी वेबसाइट पर चालू सुरंग परियोजनाओं के बारे में जो लिखा है, उसमें जम्मू-कश्मीर के Z-मोड़ सुरंग परियोजना का भी जिक्र है.
रिपोर्टों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में हर मौसम में परिवहन सुविधा को बेहतर करने के लिए जेड-मोड़ सुरंग को डिजाइन किया गया है, खास तौर से वह सड़कें, जो भारी बर्फबारी के कारण सर्दियों के दौरान बंद रहते हैं.
इससे पहले, यह परियोजना इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) को आवंटित की गई थी, लेकिन कंपनी को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिसके बाद ठेकेदार ने इसे छोड़ दिया था.
एक और बड़ी उपलब्धि का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 2015 में, जम्मू कश्मीर के जेड-मोड़ में कंपनी को 1,330 करोड़ का दूसरा टनल प्रोजेक्ट मिला था. यह प्रोजेक्ट गंडक और सरयू मेन कैनाल की सिंचाई परियोजना का है.
APCO ग्रुप के बारे में अधिक जानकारीः कंपनी का कहना है कि एपीसीओ की कुल संपत्ति 1,451 करोड़ रुपये से ज्यादा है और इसका वार्षिक कारोबार 5,454 करोड़ रुपये है".
कंपनी के डायरेक्टर अनिल कुमार सिंह को भी उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक बताया गया है.
एपीसीओ इन्फ्राटेक जनवरी 1992 में स्थापित किया गया था.
टॉफलर के अनुसार, 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी का चालू राजस्व रेंज 500 करोड़ रुपये से ज्यादा था.
कंपनी के कुछ दूसरी परियोजनाओं में नवंबर 2019 में उत्तर प्रदेश में 1,500 करोड़ रुपये की बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना, 2021 में बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे परियोजना और 2022 में मुंबई में 9,000 करोड़ रुपये की वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक परियोजना शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, सिंह 17 कंपनियों में निदेशक पद पर हैं. कुल मिलाकर, कंपनी अपने दूसरे निदेशकों जैसे विनोद कुमार सिंह और राजेश प्रताप सिंह के जरिए से 19 अन्य कंपनियों से जुड़ी हुई है.
(क्विंट ने एपीसीओ इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड से भी संपर्क किया है. उनसे जवाब मिलने के बाद उनकी प्रतिक्रिया जोड़ी जाएगी)
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