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उपचुनाव (by election) के नतीजे आ चुके हैं, हरियाणा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट (Ellenabad Constituency) पर इनेलो के उम्मीदवार अभय चौटाला (Abhay Chautala) ने जीत दर्ज की है. इस सीट की चर्चा बाकी सीटों से इसलिए ज्यादा थी, क्योंकि अभय चौटाला ने किसान आंदोलन (Farmer Protest) के समर्थन में इस्तीफा दिया था. अब उन्होंने बीजेपी (BJP) उम्मीदवार गोबिंद कांडा (Gobind Kanda) को 6,739 वोटों से हराया है. पहले भी ये सीट इनेलो के ही पास थी.
ऐलनाबाद सीट पर इनेलो के अभय चौटाला ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दिया था. इसीलिए इस सीट की इतना चर्चा थी. बीजेपी ने इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंकी थी, क्योंकि अगर वो ये सीट जीत जाते तो ये संदेश जाता कि किसान आंदोलन का कोई असर नहीं है और किसान इन बिलों के विरोध में भी नहीं हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने ऐलनाबाद सीट को जीतने के लिए तमाम कोशिशें की थी. उन्होंने नामांकन से मात्र तीन दिन पहले उम्मीदवार आयात किया. हरियाणा लोकहित पार्टी से गोबिंद कांडा को बीजेपी ने पार्टी में शामिल कराया. गोबिंद कांडा सिरसा के विवादित विधायक गोपाल कांडा के छोटे भाई हैं. और चौटाला परिवार से उनका 36 का आंकड़ा है.
वैसे तो ये हरियाणा में मात्र एक विधानसभा सीट का चुनाव था, लेकिन ये हार छोटी नहीं है, क्योंकि बीजेपी 2019 के विधानसभा चुनाव में भी यहां दूसरे नंबर पर ही रही थी. लेकिन इस बार उसका जेजेपी से गठबंधन था, जिसने 2019 में यहां अलग उम्मीदवार उतारा था और उसे 6,569 वोट मिले थे. इसके अलावा हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के गोबिंद कांडा को उन्होंने पार्टी ज्वाइन कराई, जिनका अपना भी थोड़ा-बहुत जनाधार है. बावजूद इसके बीजेपी ऐलनाबाद सीट नहीं जीत पाई.
कांग्रेस ने पिछली बार बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाले पवन बेनीवाल को टिकट दिया था, लेकिन कांग्रेस का मत प्रतिशत घट गया. कांग्रेस को ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर 2019 में 35,348 वोट मिले थे और इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को 20,857 वोट मिले हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा के विरोध के बावजूद कुछ किसान संगठनों ने ऐलनाबाद से विकल पचार को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें मात्र 496 वोट मिले.
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