Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019केंद्र EWS आरक्षण के मानदंडों पर फिर से करेगा विचार,तब-तक NEET-PG काउंसलिंग नहीं

केंद्र EWS आरक्षण के मानदंडों पर फिर से करेगा विचार,तब-तक NEET-PG काउंसलिंग नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक महीने का समय दिया, मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
सुप्रीम कोर्ट 
i
सुप्रीम कोर्ट 
(फोटो: PTI)

advertisement

केंद्र सरकार ने गुरुवार, 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत आरक्षण का लाभ उठाने के लिए 8 लाख रुपये वार्षिक आय के मानदंड पर फिर से विचार करेगी. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को इस बारे में जानकारी दी और इसके लिए चार सप्ताह का समय मांगा.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को एक महीने का समय दिया है और मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी. तब तक नीट की काउंसलिंग नहीं होगी.

गौरतलब है कि पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए सीटों में अखिल भारतीय कोटा (AIQ) में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका में तीन-जजों की बेंच के समक्ष केंद्र ने जवाब प्रस्तुत किया है.

मापदंड पर दोबारा गौर करने के लिए केंद्र सरकार गठित करेगी कमेटी

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि संवैधानिक संशोधन को टालना अंतिम उपाय होना चाहिए, लेकिन मेडिकल एडमिशन के मद्देनजर केंद्र को EWS कोटे मानदंड पर फिर से विचार करने में चार सप्ताह लगेंगे और तब तक पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया स्थगित किया जाएगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार मानदंडों पर फिर से विचार करने के लिए एक समिति का गठन करेगी.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई 2021 को एक नोटिस जारी कर 50 फीसदी AIQ सीटों पर OBC को 27 फीसदी और EWS को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया था. लेकिन एडवोकेट सुबोध एस पाटिल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि यह आरक्षण का प्रावधान 103वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 का उल्लंघन है.

याचिका में कहा गया है कि यह दिखाने के लिए कोई डेटा नहीं है कि ओबीसी का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व है और जब इसकी कोई मांग नहीं है, तो ओबीसी और EWS के लिए कोटा प्रदान करना "उचित नहीं है."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT