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फारूक अब्दुल्ला को ED का समन क्यों? विपक्ष के किन नेताओं पर जांच एजेंसी की नजर?

Farooq Abdullah ED summons: फारूक अब्दुल्ला को JKCA में कथित अनियमितताओं की संघीय एजेंसियों की जांच के सिलसिले में बुलाया गया था.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>फारूक अब्दुल्ला</p></div>
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फारूक अब्दुल्ला

(फोटो: अल्टर्ड बॉय क्विंट हिंदी)

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Farooq Abdullah: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को गुरुवार (11 जनवरी) को पूछताछ के लिए बुलाया है. श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद को 2022 में मामले में जांच एजेंसी द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया था. PTI की रिपोर्ट के अनुसार, समन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला को श्रीनगर में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है.

क्या है मामला?

रिपोर्ट के अनुसार, 86 वर्षीय राजनेता को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में बुलाया गया है.

ईडी ने कहा था कि यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन से संबंधित धन की हेराफेरी से जुड़ा है, जिसे क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित विभिन्न लोगों के व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था.

एजेंसी का मामला उन्हीं आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर 2018 के आरोप पत्र पर आधारित है.

फारूक अब्दुल्ला पर क्या आरोप?

रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2002-11 के बीच राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा अनुदान दिया गया था. लेकिन राज्य संघ क्रिकेट से जुड़े अधिकारियों ने पैसे की हेराफेरी की, जिसको लेकर सीबीआई ने 2020 में मामला दर्ज किया.

इसके तहत जांच एजेंसी ने "जेकेसीए फंड की ₹43.69 करोड़ की हेराफेरी" के लिए अब्दुल्ला, मोहम्मद सलीम खान, पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा के साथ-साथ मीर मंजूर गजानफर अली, बशीर अहमद मिसगर और गुलजार अहमद बेघ (जेकेसीए के पूर्व लेखाकार) के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

संघीय एजेंसी ने कहा था कि उसकी जांच में पाया गया कि जेकेसीए को वित्तीय वर्ष 2005-2006 से 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान तीन अलग-अलग बैंक खातों में बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

ईडी ने दावा किया था कि 2004 में तत्कालीन "विधिवत रूप से निर्वाचित कोषाध्यक्ष मुख्तार कंठ ने इस्तीफा दे दिया और तुरंत फारूक अब्दुल्ला ने जेकेसीए नियम, 1957 के तहत चुनाव कराए बिना मिर्जा को जेकेसीए का कोषाध्यक्ष नियुक्त कर दिया."

गौरतलब है कि अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे और इसी दौरान का आरोप हैं कि एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों और अन्य लोगों ने JKCA के पैसे को निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया और निकाय के बैंक खाते से बिना कारण बताए नकली भी निकाल लिये. इस कथित घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई दोनों कर रही है और मामला 2004 से 2009 के बीच का है.

हालांकि, अब तक ईडी के समन पर फारूक अब्दुल्ला की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन विपक्षी दलों का आरोप है कि सभी जांच एजेंसियों के समन और नोटिस बीजेपी विरोधी दलों के नेताओं को ही क्यों आ रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2022 तक ईडी के निशाने पर रहे करीब 95 प्रतिशत यानी 115 नेता विपक्ष से थे. 2004-14 में 26 नेताओं से ईडी ने पूछताछ की थी. इनमें लगभग 54 प्रतिशत यानी 14 नेता विपक्ष से थे.

किन नेताओं को ईडी का समन?

अरविंद केजरीवाल: दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को साल 2021 की एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित घोटाले मामले में ईडी तीन समन भेज चुकी है.

हेमंत सोरेन: झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से ईडी कथित जमीन घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ करना चाहती है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब तक सात बार मुख्यमंत्री को समन भेज पूछताछ के लिए ऑफिस में पेश होने को कहा था.

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तेजस्वी यादव: बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को "नौकरी के बदले जमीन घोटाले" मामले में ईडी कई बार समन भेज चुकी है.

डीके शिवकुमार: कर्नाटक के डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कई सालों से सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की रडार पर हैं. PTI के अनुसार, साल 2013 से 2018 के बीच 74 करोड़ रुपये की आय को लेकर सीबीआई ने 2020 में कांग्रेस नेता पर केस दर्ज किया है, जबकि ईडी ने 2022 में पीएमएलए के तहत शिवकुमार पर चार्जशीट दायर की है. इसके अलावा गुजरात में दिवगंत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के राज्ससभा चुनाव के दौरान विधायकों को रिजॉर्ट में रुकवाने को लेकर आयकर विभाग डीके के खिलाफ छापे मारे थे.

सेंथिल बालाजी: तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके नेता सेंथिल बालाजी को ईडी ने साल 2023 में गिरफ्तार किया था, उन पर पैसे की एवज में नौकरी देने का आरोप है. इसके अलावा कई अन्य डीएमके नेता और मंत्री ईडी की रडार पर हैं.

वैभव गहलोत: राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के बेटे वैभव से ईडी पूछताछ कर चुकी है. ईडी ने तीन जनवरी 2024 को वैभव के ठिकानों पर छापेमारी की.

अक्टूबर 2023 में भी ईडी ने राजस्थान कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस नेता ओम प्रकाश हुडला, सरकार के कई अधिकारियों और जल जीवन मिशन से जुड़े लोगों के यहां भी छापेमारी की थी.

भूपेश बघेल: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईडी की नजर महादेव एप घोटाले को लेकर है. ईडी ने विधानसभ चुनाव पूर्व 2023 में बघेल के कई करीबी अफसरों और नेताओं के यहां छापे मारे थे. इसके अलावा दिसंबर 2022 में ईडी ने बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को कथित अवैध वसूली से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था.

अभिषेक बनर्जी: टीएमसी नेता और पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक सीबीआई और ईडी की रडार पर हैं. कोयले के कथित गैर-कानूनी खनन से जुड़े मामले में ईडी ने कई बार अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया था. अक्टूबर 2023 में ममता बनर्जी सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिया मलिक के घर पर भी ईडी ने छापेमारी की थी.

रविंद्र वायकर: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने शिवसेना (यूबीटी) नेता रविंद्र वायकर को समन जारी कर 17 जनवरी को पेश होने को कहा है.

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