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इकनॉमिक स्लोडाउन को लेकर कांग्रेस की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में बुधवार को राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा बयान दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि भले ही आर्थिक विकास की रफ्तार कम हुई है, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से नहीं गुजर रहा है. निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतुष्टि जाहिर करते हुए बीच में ही विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया.
राज्यसभा में वित्त मंत्री ने जीडीपी ग्रोथ और बेरोजगारी दर को लेकर जवाब देते हुए कहा, "अगर आप अर्थव्यवस्था को समझदारी की नजर से देख रहे हैं, तो आप समझेंगे कि विकास दर में कमी आई है, लेकिन यह मंदी का दौर नहीं है और न कभी होगा." वित्त मंत्री ने साल 2014 से लेकर 2019 के बीच में जीडीपी दर का हवाला देते हुए कहा कि यह साल 2009 से 2014 के बीच की तुलना में कहीं ज्यादा है. उन्होंने बताया कि 2014 से 2019 के बीच भारत में जीडीपी दर 7.5 फीसदी रही है. वहीं, 2009 से लेकर 2014 के बीच यह महज 6.4 फीसदी रही थी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने लघु और मझोले उद्योग क्षेत्र (एमएसएमई) और बैंकिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए 32 कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि वह स्वयं हर हफ्ते इन कदमों की समीक्षा करती हैं. उन्होंने कहा कि इन कदमों में कई के अच्छे नतीजे भी आने शुरू हो गये हैं. उन्होंने कहा कि साल 2009-14 के दौरान 189.5 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया, जबकि एनडीए की सरकार में महज पांच वर्षों में 283.9 अरब डॉलर का निवेश आया.
जीएसटी की ऊंची दरों के विपक्ष के आरोपों पर सीतारमण ने कहा कि इनकी दरों का फैसला केंद्र नहीं बल्कि जीएसटी परिषद करती है. उन्होंने कहा कि ऐसे हर फैसले में सभी राज्यों की सहमति होती है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में 400 वस्तुओं की जीएसटी दर पर कटौती की गयी है. उन्होंने कहा कि इस साल जीएसटी के तहत छह लाख 63 हजार करोड़ रूपये के टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा गया है और चालू वित्त वर्ष में अक्तूबर तक तीन लाख 23 हजार करोड़ रूपये का जीएसटी कलेक्शन किया जा चुका है.
वित्त मंत्री ने आवास योजना, जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार की इन योजनाओं के तहत काफी काम हो चुका है.
चर्चा में विपक्ष के कई सदस्यों की ओर से नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था, खासतौर से छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचने का आरोप लगाया गया. वित्त मंत्री ने इन आरोपों को गलत ठहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काली अर्थव्यवस्था पर प्रहार के लिए नोटबंदी का फैसला किया था. उन्होंने कहा कि देश में 85 फीसदी लेनदेन नकद होता था, जिस वजह से अर्थव्यवस्था को औपचारिक स्वरूप देने में काफी दिक्कतें थी.
निर्मला सीतारमण के जवाब से असंतुष्टि जाहिर करते हुए बीच में ही विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया. वित्त मंत्री के जवाब के बाद सभापति ने विपक्षी सदस्यों के वॉकआउट का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सदस्य वॉकआउट करते रहे हैं, लेकिन उन्हें वित्त मंत्री का पूरा जवाब सुनना चाहिए था क्योंकि यह एक बेहद अहम मुद्दा है.
(इनपुट: पीटीआई)
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