लोकसभा में सोमवार को सरकार ने आर्थिक मंदी को लेकर हुए एक सवाल के जवाब में GDP गिरने की बात तो स्वीकार की, मगर साथ ही यह भी कहा कि भारत जी-20 में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.
“2014-19 के दौरान औसत GDP वृद्धि 7.5 प्रतिशत थी, जो कि जी-20 देशों में सर्वाधिक है. वर्ष 2019 के वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक( WEO) ने ग्लोबल प्रोडक्सन और ट्रे़ड में अच्छी-खासी मंदी का अनुमान लगाया है. फिर भी हाल में GDP में कुछ कमी के बावजूद डब्ल्यूईओ के अनुमान के अनुसार भारत जी-20 देशों में सबसे तेज दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.”वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
इकनॉमिक स्टेबिलिटी लाने के लिए सरकार क्या कर रही है ?
दरअसल, सांसद एन.के. प्रेम चंद्रन ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार ने आर्थिक मंदी के कारणों, विदेशी व्यापार समझौते या GST से इसके कनेक्शन की कोई पड़ताल की है? उन्होंने यह भी पूछा था कि मंदी से निपटने के लिए क्या सरकार आर्थिक नीतियों में परिवर्तन करेगी?
निर्मला ने बताया कि देश की जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाने के लिए सरकार अर्थव्यवस्था में संतुलित स्तर की निश्चित निवेश दर, कम निजी उपभोग दर और निर्यात को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है.
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाए कई कदम: सीतारमण
वित्तमंत्री ने बताया कि विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में जीएसटी के बाद भारत की रैंकिंग 2018 के 77 के बदले 2019 में 63 हो गई. उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में निवेश का माहौल बनाने के लिए सरकार ने कई सुधार किए हैं, ताकि भारत पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था वाला देश बन सके. उन्होंने बताया कि निवेश के लिए माहौल बनाने के लिए हाल ही में कारपोरेट टैक्स की दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दी गई.
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