MSCB घोटाले में NCP नेता अजित पवार समेत 76 के खिलाफ FIR दर्ज

बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर अजित पवार समेत 76 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.

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आने वाले दिनों में अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
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आने वाले दिनों में अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
(फोटो: PTI)

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इस साल के आखिर में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एनसीपी नेता अजित पवार को बड़ा झटका लगा है. मुंबई पुलिस ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (MSCB) घोटाले में वरिष्ठ एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार समेत 76 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है. इससे आने वाले दिनों में अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अन्य आरोपियों में पीसेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के नेता जयंत प्रभाकर पाटिल और राज्य के 34 जिलों में बैंक की शाखाओं के अधिकारी शामिल हैं. अधिकारी ने बताया, "हमने इकनॉमिक्स ऑफेंसेस विंग (EOW) की शिकायत के आधार पर MRA मार्ग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है."

22 अगस्त को कोर्ट ने दिया था आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट में 22 अगस्त को जस्टिस एस सी धर्माधिकारी और जस्टिस एस के शिंदे की बेंच ने पवार और 70 से ज्यादा अन्य लोगों के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था कि इन लोगों के खिलाफ मामले में प्रथम दृष्टया ‘‘भरोसेमंद सबूत’’ हैं. अदालत ने इकनॉमिक्स ऑफेंसेस विंग को अगले पांच दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.

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क्या है मामला

आरोपियों की मिलीभगत से 2007 से 2011 के बीच एमएससीबी को कथित तौर पर करीब 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप है. नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) ने इसकी जांच की और एक अर्द्ध-न्यायिक जांच आयोग ने महाराष्ट्र सहकारी सोसायटी अधिनियम (एमसीएस) के तहत एक चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में पवार और बैंक के कई निदेशकों समेत अन्य आरोपियों को नुकसान के लिये जिम्मेदार ठहराया गया. इसमें कहा गया था कि उनके फैसलों, कार्रवाइयों और निष्क्रियता से बैंक को नुकसान हुआ.

नाबार्ड की ऑडिट रिपोर्ट में चीनी मिलों और स्पिनिंग मिलों को कर्ज वितरित किए जाने, कर्ज के पुनर्भुगतान में और ऐसे कर्जों की वसूली में आरोपियों द्वारा कई बैंक कानूनों और आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किए जाने की बात सामने आई. तब अजित पवार बैंक के निदेशक थे.

तब ऑडिट रिपोर्ट के बावजूद मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. इसके बाद स्थानीय एक्टिविस्ट सुरिन्दर अरोड़ा ने 2015 में इस मामले को लेकर आर्थिक अपराध शाखा में एक शिकायत दर्ज कराई और एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बता दें कि अजित पवार शरद पवार के बड़े भाई अनंतराव पवार के बेटे हैं.

(इनपुट: पीटीआई)

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