RBI, केंद्र सरकार को 1 लाख 76 हजार करोड़ से ज्यादा का सरप्लस ट्रांसफर करेगी. रिजर्व बैंक ने ये जानकारी सोमवार को एक बोर्ड मीटिंग के बाद दी. RBI ने अपने बयान में कहा, "केंद्रीय बोर्ड की बैठक में स्वीकार किए गए रिवाइज्ड इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के मुताबिक सरप्लस ट्रांसफर में साल 2018-19 का 1,23,414 करोड़ रुपये सरप्लस और 52,637 करोड़ अतिरिक्त प्रावधानों से आया पैसा शामिल है."
बयान में कहा गया है कि, पूर्व आरबीआई गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिश पर सरप्लस केंद्र सरकार को ट्रांसफर किए जाने का फैसला लिया गया. आरबीआई सेंट्रल बोर्ड ने कमेटी की सभी सिफारिशों को मंजूर कर लिया.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अगुवाई में 6 सदस्यीय कमेटी का गठन ये आकलन करने के लिए किया गया था कि आरबीआई सरप्लस की कितनी राशि सरकार को ट्रांसफर कर सकती है और कितनी राशि उसे अपने पास रखनी चाहिए.
बता दें कि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच रिजर्व को लेकर मतभेद हो चुके हैं. इसी तनातनी के बीच ही रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया था. दिसंबर 2018 में गतिरोध के बाद रिजर्व बैंक के कैपिटल फ्रेमवर्क के रिव्यू के लिए RBIऔर सरकार कमेटी गठित करने पर राजी हुए थे. इस कमेटी की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने की. इसमें आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, सेंट्रल बोर्ड मेंबर भरत दोशी, सुधीर मांकड, इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी सुभाष चंद्र गर्ग और आरबीआई डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन शामिल थे.
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