Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गुजरात: दलित युवक की हत्या मामले में 8 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

गुजरात: दलित युवक की हत्या मामले में 8 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

तीन साल पुराने इस केस में हत्या के वक्त जिग्नेश मेवाणी ने प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>गुजरात: दलित युवक की हत्या मामले में 8 आरोपी बरी, तीन साल पुराना है केस</p></div>
i

गुजरात: दलित युवक की हत्या मामले में 8 आरोपी बरी, तीन साल पुराना है केस

(फोटो- क्विंट हिन्दी)

advertisement

गुजरात (Gujrat) के राजकोट जिले के मानेकवाड़ा गांव में 19 साल के एक दलित युवक राजेश सोंदरवा की 2019 में हत्या कर दी गई थी. सोमवार, 24 जनवरी को गोंडल शहर की एक कोर्ट ने हत्या के सभी 8 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. मामले में बरी किए गए लोगों में तत्कालीन स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता महेंद्रसिंह जडेजा और उसका बेटा दिव्यराज उर्फ ​​कुमार सिंह, अजय सिंह उर्फ ​​घनुभा जडेजा और उसका बेटा ध्रुवराज सिंह, युवराज सिंह उर्फ ​​कर्णुभा और उसका भाई दीपेंद्र सिंह, हरदीप सिंह उर्फ ​​माली जडेजा और हरदीप गोहिल उर्फ ​​भानुभा शामिल हैं.

बता दें कि हत्या करने वाले सभी आरोपी गुजरात जिले के मानेकवाड़ा में रहते हैं.

क्या है पूरा मामला?

अभियोजन पक्ष के मुताबिक राजेश और उसके दोस्त मिलन परमार को आरोपियों ने कथित तौर पर 9 मई 2019 को गांव के पास उस समय रोका जब वे बाइक से राजकोट की ओर से वापस आ रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपियों ने राजेश पर लाठियों से हमला किया था. घंटों बाद, 19 वर्षीय राजेश, पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया. इसके अलावा उस हमले में परमार भी घायल हो गया.

परमार के भाई अजय की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ हत्या के साथ-साथ अनुसूचित SC/ST (एट्रेसिटी) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.

हत्या के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया था और वडगाम के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

परिवार ने शव दफनाने से किया था इनकार

राजेश के परिवार ने न्याय और उचित मुआवजे की मांग करते हुए, शव पर दावा करने से इनकार कर दिया था. आरोपियों के पकड़े जाने और राज्य सरकार द्वारा पीड़ित परिवार को भूखंड एलॉट किए जाने के बाद ही परिवार ने राजेश का अंतिम संस्कार किया था.

राजेश की हत्या के मामले में आठ आरोपी गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में थे, लेकिन अब वे जेल से बाहर हैं. राजेश हत्याकांड में विस्तृत फैसले का अभी इंतजार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT