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ज्ञानवापी मस्जिद के सील 'तहखाने' में हिंदू पक्ष को पूजा करने की जिला अदालत ने दी इजाजत

Gyanvapi Mosque Case: जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर इस संबंध में व्यवस्था करने का आदेश वाराणसी की जिला अदालत ने दिया है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद</p></div>
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ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद

फोटो- द क्विंट

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Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी की एक जिला अदालत ने बुधवार, 31 जनवरी दोपहर फैसला सुनाते हुए हिंदू याचिकाकर्ताओं को ज्ञानवापी मस्जिद के सील किए गए तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी है.

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "हिंदू पक्ष को 'व्यास तहखाने' में पूजा करने की इजाजत दी गई है. जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर व्यवस्था करनी होगी."

जिला अदालत का आदेश

(फोटो- एक्सेस बाई क्विंट हिंदी)

अपने आदेश में जिला अदालत ने कहा कि विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताए पुजारी द्वारा पूजा-अर्चना की जा सकती है और मस्जिद के तहखाने में प्रवेश को अवरुद्ध करने वाले लोहे की बाड़ को हटाने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वे के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस तहखाने को सील करने का आदेश दिया था. 17 जनवरी 2024 को व्यास तहखाने को जिला प्रशासन ने कोर्ट के आदेश से अपने नियंत्रण में ले लिया था.

मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि यह फैसला गलत है. पूर्व के आदेशों को ओवरलुक करते हुए यह आदेश दिया गया है.

मस्जिद के तहखाने में चार तहखाने हैं. इसमें से एक अभी भी उन पुजारियों के परिवार के पास है जो वहां रहते थे. परिवार ने याचिका ने तर्क दिया था कि वंशानुगत पुजारी के रूप में, उन्हें संरचना में प्रवेश करने और पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

हिंदू पक्ष का दावा है कि नवंबर 1993 से पहले तक व्यास तहखाने में पूजा-पाठ होता था. लेकिन उसके बाद उस वक्त की प्रदेश सरकार ने इसे रुकवा दिया था. 

इससे पहले दावा किया गया था कि एएसआई की जांच के दौरान हिंदू देवताओं की मूर्तियों का मलबा मिला था. यह भी दावा किया गया था कि पहले से मौजूद संरचना के कुछ हिस्सों - जिन्हें एएसआई रिपोर्ट के अनुसार मंदिर बताया गया- का उपयोग मस्जिद के निर्माण में किया गया था.

एएसआई रिपोर्ट में क्या कुछ है, इसे आप यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.

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पिछले महीने एक महत्वपूर्ण फैसले में, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद समिति की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें उस स्थान पर मंदिर की बहाली की मांग करने वाले नागरिक मुकदमों को चुनौती दी गई थी.

ज्ञानवापी मस्जिद- विश्वनाथ मंदिर विवाद क्या है?

पूरा मामला वाराणसी की प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद 17वीं शताब्दी में मूल काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने के बाद उसके स्थान पर बनाई गई थी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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