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हरियाणा (Haryana) के कई इलाकों में सोमवार की शोभा यात्रा के दौरान हुई हिंसा में क्षतिग्रस्त दुकानों के कुछ हिंदू मालिकों ने दावा किया कि वह हिंदूवादी लोग थे, जिन्होंने उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया था. सोहना में, एक ऑटोमोबाइल की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई और उसके मालिक शत्रुघ्न शुक्ला ने देखा कि उनकी बुलेट बाइक में आग लगा दी गई है और वह अपने घर के अंदर छिप गए.
शत्रुघ्न शुक्ला ने द क्विंट के साथ बातचीत में कहा कि मैंने कमरे से छुपकर सब कुछ देखा. यात्रा में शामिल बजरंग दल के लोग अंदर आए और मेरी बाइक में आग लगा दी. उन्होंने एक स्कूटी और एक कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. मैं सब कुछ देख रहा था, लेकिन मैं बाहर नहीं आ सका क्योंकि सौ लोगों की भीड़ के सामने एक आदमी क्या कर सकता है? मैं असहाय था.
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें क्यों लगता है कि उन लोगों ने उनकी दुकान को निशाना बनाया, तो शुक्ला ने कहा कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया होगा, क्योंकि उनको लगा होगा कि यह किसी मुस्लिम की दुकान है.
बगल की गली में मुसलमानों की अन्य दुकानों को भी नुकसान हुआ है.
दुकान का नाम 'शिव ऑटोमोबाइल' है.
उन्होंने कहा कि मैं एक शिव भक्त हूं, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा. मैं क्या कह सकता हूं, यह उनकी मानसिकता है. मैं इस जगह पर एक दशक से अपनी दुकान चला रहा हूं लेकिन मुझे कभी किसी मुसलमान से कोई परेशानी नहीं हुई, हम भाइयों की तरह हैं.
सोहना में 'शंकर शंभू होटल एंड रेस्तरां' नाम के एक ढाबे में भी तोड़फोड़ की गई, इसके बोर्ड, रसोई और फ्रिज को नुकसान पहुंचा गया. मालिक लोकेश सिंह ने कहा कि जब उन्होंने भीड़ को अंदर आते देखा तो वह और उनके भाई ऊपर की मंजिल पर छिप गए.
लोकेश सिंह, द क्विंट के साथ बातचीत में बताते हैं कि वे अंदर घुसे, हमारी खिड़कियां, हमारा फ्रिज तोड़ दिया, हमारा सिलेंडर चुरा लिया, ढाबे के एक हिस्से में आग लगा दी... हम ऊपर से सब कुछ देख रहे थे.
हिंसा के वक्त ढाबे के अंदर छिपने वाले एक कर्मचारी ने कहा कि मैंने देखा कि यात्रा में शामिल लोग ही लाठियां लेकर वहां तोड़फोड़ कर रहे थे.
यह पूछे जाने पर कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है कि उन्होंने ऐसा किया, लोकेश सिंह ने कहा कि मुझे नहीं पता कि हमारे ढाबे को इस तरह क्यों निशाना बनाया गया. यह 40 साल पुराना ढाबा है, जिसे हमारा परिवार दशकों से चला रहा है.
नूंह में एक मंदिर के गेट में तोड़फोड़ की गई और पंडित की मोटरसाइकिल में आग लगा दी गई. हालांकि, पंडित ने दावा किया कि इसके पीछे "स्थानीय दंगाई थे" और उन्होंने स्थानीय मुसलमानों के एक वर्ग को दोषी ठहराया.
पंडित लाल चंद ने द क्विंट को बताया कि यहां हिंदू सुरक्षित नहीं हैं. स्थानीय दंगाइयों ने आकर मुझे बाहर खींच लिया, मंदिर के गेट पर तोड़फोड़ की, मेरी मोटरसाइकिल को भी नुकसान पहुंचाया.
पंडित ने हरियाणा सरकार और पुलिस अधिकारियों पर "हिंसा को रोकने में विफल रहने" का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि पुलिस को शुरू से ही यहां रहना चाहिए था लेकिन वे सारी हिंसा खत्म होने के बाद सामने आई. सरकार विफल हो गई है. हमें यहां सुरक्षा दिए जाने की जरूरत है.
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में शोभा यात्रा (बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा) के दौरान हिंसा की दो दिन बाद यानी बुधवार को भी हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में तनाव रहा.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सोमवार की झड़प के बाद से 6 लोग मारे गए, 116 गिरफ्तार किए गए और 90 लोगों को हिरासत में लिया गया. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. बुधवार को केंद्रीय बलों की चार और कंपनियां मांगी गई हैं.
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